बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने अपने निर्णय और बयानों से केवल अपनी पार्टी और सरकार की नीदें हराम नहीं की, बल्कि बिहार बीजेपी भी मांझी सिंड्रोम से ग्रसित है। जीतन राम मांझी इन दिनों अपने दामाद को पीए बनाने के लिए विवादों में हैं।
वैसे, उनके दामाद देवेंद्र मांझी ने मीडिया में खबर आने के बाद इस्तीफा भी दे दिया और आज ससुर मुख्यमंत्री ने दामाद के बजाय अपने प्राइवेट सेक्रेटरी और बिहार सरकार के कैबिनेट कॉर्डिनेशन डिपार्टमेंट को इस मामले में दोषी ठहराया है, जिसने इस संबंध में अधिसूचना जारी की।
उधर, सबसे ज्यादा हंसी का पात्र बिहार बीजेपी और इसके शीर्ष नेता सुशील मोदी बनते जा रहे हैं। सुशील मोदी ने इसे भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा बताया था और कहा था कि यह बिहार के लिए दुर्भाग्य है, वहीं आज मोदी के स्वर बदल गए और उन्होंने कहा कि मीडिया में नोटिफिकेशन की चिट्ठी नीतीश कुमार ने लीक कराई और अगर मांझी ने दामाद को पीए बनाया तो वह इसके लिए दोषी नहीं हैं।
हालांकि सुशील मोदी ने बिहार सरकार से मांग की है कि मांझी के ऊपर धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज होना चाहिए, लेकिन मोदी का मुद्दे से ज्यादा मीडिया वालों और नीतीश कुमार को कोसना साफ करता है कि वह भी अपनी राजनीतिक रोटियां सेंक रहे हैं।
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