India-China clash: लद्दाख की गलवान घाटी में भारत-चीन सीमा पर झड़प में बिहार के भारतीय सेना के जवान जय किशोर के निधन की खबर उनके पैतृक गांव वैशाली के चकफतह गांव में पहुंचते ही कोहराम मच गया. घटना की सूचना मिलते ही गांव के लोग जय किशोर के जन्दाहा के चकफतह में सतही पैतृक आवास पर पहुंचना शुरू हो गए. घटना की सूचना मिलने पर जय किशोर की मां का रो-रो कर बुरा हाल हो गया.
मृत जवान जय किशोर के पिता राज कपूर सिंह.
जय किशोर के पिता राज कपूर सिंह ने बताया कि जय किशोर शुरुआत से ही काफी प्रतिभाशाली थे. उनमें देश के लिए कुछ कर गुजरने की प्रबल इच्छा थी. उनके बड़े भाई नंदकिशोर भी सेना में जवान थे, जिनसे प्रेरणा लेकर ही जय किशोर ने भी भारतीय सेना में जाने का फैसला लिया.
जय किशोर की तस्वीरों के साथ उसकी मां.
जय किशोर 2018 में भारतीय सेना में शामिल हुए थे. बिहार के दानापुर में ट्रेनिंग लेने के बाद 2019 में उनकी पोस्टिंग हुई थी. जय किशोर आखिरी बार होली पर पहले अपने गांव आए थे. उन्होंने करीब एक महीने पहले अपने घरवालों से फ़ोन पर बात की थी.
घटना की सूचना मिलने पर स्थानीय विधायक उमेश कुशवाहा सहित कई नेता उनके घर पर पहुंच गए.
भारत-चीन के पूर्वी लद्दाख के गालवाना घाटी में सोमवार रात को हुई हिंसक झड़प में जान गंवाने वाले 20 भारतीय जवानों में से बिहार के समस्तीपुर जिले के मोहिउद्दीन प्रखंड के 24 साल के जांबाज अमन कुमार भी शामिल हैं. भारतीय-चीनी जवानों के बीच हुई हिंसक झड़प में देश के नाम पर अपनी जान देने वाले अमन कुमार के जाने पर उनके घर के अलावा पूरे गांव में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है.
समस्तीपुर जिले के मोहिउद्दीन नगर की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यहां के युवकों में देश सेवा की भावना इतनी है कि यहां के 55 से 60 प्रतिशत युवक डिफेंस की नौकरी करते हैं. अमन कुमार जिस गांव में रहते थे उस गांव के 40 फीसद युवा डिफेंस की नौकरी में हैं और गांव के वकील अमित कुमार कहते हैं कि जब-जब देश ने लड़ाई लड़ी है तब-तब यहां के जांबाज युवक शहीद हुए हैं हैं.
बता दें कि बिहार के ही एक और जवान ने इस झड़प में अपनी जान गंवाई है. कोशी जिले के 26 साल के कुंदन कुमार की इस झड़प में जान गई है. वहीं झारखंड के साहिबगंज के कुंदन ओझा और तेलंगाना के संतोष बाबू सहित कुल 20 जवानों की जान गई है.
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