कांग्रेस ने दो वोट निरस्त किए जाने की मांग की थी. ..
अहमदाबाद:
गुजरात राज्यसभा चुनाव में दो वोटों को रद्द किए जाने की मांग पर आयोग ने फैसला दे दिया है. कांग्रेस के दो वोट निरस्त किए जाने की मांग स्वीकार कर ली है. आयोग के आदेश पर वोटों की गिनती शुरू हो गई है. इससे पहले कांग्रेस का प्रतिनिधि मंडल वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम के नेतृत्व में आयोग से मिला था. उधर, बीजेपी के प्रतिनिधिमंडल ने वित्त मंत्री अरुण जेटली, रविशंकर प्रसाद और पीयूष गोयल के नेतृत्व में चुनाव आयोग से मुलाकात करके जल्द मतगणना की मांग की थी.
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उधर, कांग्रेस की ओर वरिष्ठ कांग्रेसी नेता पी चिदंबरम के नेतृत्व में चुनाव आयोग से मिला था. बाद में मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा था, "हमने चुनाव आयोग से पुराने संदर्भ देते हुए कहा है कि इसी तरह का मामला पहले ही हो चुका है. बैलेट पेपर अधिकृत व्यक्ति के अलावा किसी और व्यक्ति द्वारा देखे जाने पर उन्हें रद्द कर दिया गया था. हमने आयोग से इसी आधार पर कहा है कि गुजरात में यही नियम लागू होना चाहिए. हमने यह भी कहा है कि पीठासीन अधिकारी ने नियमों का उल्लंघन किया है. हमने तत्काल आपत्ति जताई थी लेकिन पीठासीन अधिकारी ने हमारी खारिज कर दी. हमने इन दो वोटों को रिजेक्ट करने की मांग की है."
VIDEO : अहमद पटेल की राह कठिन
कांग्रेस का कहना था कि व्हिप जारी होने के बाद वोट दिखाया नहीं जा सकता. कांग्रेस का यह भी आरोप है कि उसके दो बागी विधायक राघवजी पटेल और कांग्रेस विधायक भोला पटेल ने वोट डालते समय बीजेपी नेताओं को अपनी पर्ची दिखाई थी. कांग्रेस चुनाव अधिकारियों से पुराना वीडियो फुटेज दिखाए जाने और इन दोनों विधायकों के वोट निरस्त करने की मांग करती रही. कांग्रेस का कहना था कि हाल ही में हरियाणा में हुए चुनाव में हमारे एक विधायक ने गलती से अपना वोट किसी और को दिखा दिया जिसे अमान्य माना गया था.
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उधर, कांग्रेस की ओर वरिष्ठ कांग्रेसी नेता पी चिदंबरम के नेतृत्व में चुनाव आयोग से मिला था. बाद में मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा था, "हमने चुनाव आयोग से पुराने संदर्भ देते हुए कहा है कि इसी तरह का मामला पहले ही हो चुका है. बैलेट पेपर अधिकृत व्यक्ति के अलावा किसी और व्यक्ति द्वारा देखे जाने पर उन्हें रद्द कर दिया गया था. हमने आयोग से इसी आधार पर कहा है कि गुजरात में यही नियम लागू होना चाहिए. हमने यह भी कहा है कि पीठासीन अधिकारी ने नियमों का उल्लंघन किया है. हमने तत्काल आपत्ति जताई थी लेकिन पीठासीन अधिकारी ने हमारी खारिज कर दी. हमने इन दो वोटों को रिजेक्ट करने की मांग की है."
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कांग्रेस का कहना था कि व्हिप जारी होने के बाद वोट दिखाया नहीं जा सकता. कांग्रेस का यह भी आरोप है कि उसके दो बागी विधायक राघवजी पटेल और कांग्रेस विधायक भोला पटेल ने वोट डालते समय बीजेपी नेताओं को अपनी पर्ची दिखाई थी. कांग्रेस चुनाव अधिकारियों से पुराना वीडियो फुटेज दिखाए जाने और इन दोनों विधायकों के वोट निरस्त करने की मांग करती रही. कांग्रेस का कहना था कि हाल ही में हरियाणा में हुए चुनाव में हमारे एक विधायक ने गलती से अपना वोट किसी और को दिखा दिया जिसे अमान्य माना गया था.
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