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This Article is From Nov 08, 2020

बाइडेन के नए एच1बी वीजा और ग्रीन कार्ड प्लान से हजारों भारतीय पेशेवरों को होगा फायदा

हर साल टेक कंपनियां अमेरिका में आईटी पेशेवरों की नियुक्ति एच1बी वीजा के माध्यम से करती हैं. इसमें सबसे ज्यादा भारतीय युवा पेशेवरों की मांग रहती है.

बाइडेन के नए एच1बी वीजा और ग्रीन कार्ड प्लान से हजारों भारतीय पेशेवरों को होगा फायदा
जो बाइडेन की आव्रजन नीति भारतीयों को फायदा पहुंचाने वाली है
वाशिंगटन:

अमेरिका में सत्ता परिवर्तन के साथ वहां नौकरी या स्थायी नागरिकता का सपना देख रहे लोगों की उम्मीदें भी बढ़ गई हैं. नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) की एच1बी (H1B)  वीजा और ग्रीन कार्ड (Green Card) योजना से हजारों भारतीयों को भी लाभ होगा. हर साल एच1बी वीजा का 70 फीसदी कोटा भारतीयों के खाते में ही जाता रहा है.  

भारतीय मूल की कमला हैरिस के साथ बाइडेन से उम्मीद है कि वह ट्रंप प्रशासन के दौरान एच1बी वीजाधारकों के पति या पत्नी के वर्क परमिट पर लगी रोक खत्म कर देंगे. बाइडेन की योजना एच1बी (H-1B) समेत हाई स्किल वाले वीजा का कोटा बढ़ाने की है. बाइडेन ऐसे वीजा में हर देश के लिए निर्धारित कोटे को भी खत्म कर सकते हैं. ट्रंप प्रशासन के दौरान अप्रवासियों पर लगाए गए अंकुश का भारतीय प्रतिभाओं पर बुरा असर पड़ा है.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने एच1बी वीजाधारकों के पति या पत्नी के वर्क परमिट पर रोक लगा दी थी. इसका हजारों भारतीय पेशेवरों पर असर पड़ा था. बाइडेन आव्रजन सुधारों को लेकर एक व्यापक योजना ला सकते हैं या फिर एक-एक कर इस पर निर्णय कर सकते हैं. बाइडेन के चुनाव वादों से जुड़े दस्तावेजों से इसकी झलक मिलती है. दस्तावेजों के अनुसार, हाई स्किल के अस्थायी वीजा का इस्तेमाल अमेरिका में पहले से ही ऐसे नौकरियों पूरी करने के लिए मौजूद कर्मचारियों के लिए नहीं करना चाहिए. हमें ऐसी आव्रजन व्यवस्था चाहिए जिसमें हाई स्किल के पेशेवरों को प्राथमिकता मिले, लेकिन इससे अमेरिकी इनोवेशन और प्रतिस्पर्धा को नुकसान न पहुंचे.

दस्तावेजों के मुताबिक, बाइडेन अमेरिकी संसद (कांग्रेस) के साथ अस्थायी वीजा कार्यक्रमों के सुधार पर काम करेंगे. यह श्रम बाजार की मांग पर आधारित होगा लेकिन इसका इस्तेमाल नौकरियों के वेतन में कमी लाने के लिए नहीं किया जा सकेगा. बाइडेन उच्च कौशल (हाई स्किल) वीजा बढ़ाने और किसी देश के लिए कोटा निर्धारित करने की प्रणाली खत्म करने के समर्थक हैं, क्योंकि इस कारण अनावश्यक आवेदनों का बोझ बढ़ता है. एच-1बी वीजा तहत अमेरिका में कार्यरत स्थानीय और विदेशी कंपनियां आईटी और अन्य क्षेत्रों में हाई स्किल वाले पेशेवरों को अस्थायी तौर पर नियुक्त करती है. उनका वेतन प्रायः उसी नौकरी के लिए किसी अमेरिकी की नियुक्ति से काफी कम होता है.

हर साल करीब डेढ़ लाख एच1बी वीजा
जबकि ग्रीन कार्ड के तहत लंबे समय से नौकरी कर रहे विदेशी पेशेवरों को अमेरिका में कानूनी रूप से स्थायी तौर पर बसने की अनुमति दी जाती है, लेकिन आवेदनों की भारी संख्या को देखते हुए मौजूदा बैकलॉग को पूरा करने में कम से कम 20 से 25 साल लगेंगे. हर साल करीब 1 लाख 40 हजार एच1बी वीजा अमेरिका जारी करता है.

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