यह ख़बर 15 अप्रैल, 2013 को प्रकाशित हुई थी

प्रधानमंत्री से बादल की मांग, भुल्लर को फांसी न दी जाए

खास बातें

  • फांसी की सजा पा चुके देवेन्दर सिंह भुल्लर की सजा पर रोक के मामले में आज पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और उनके बेटे सुखबीर सिंह बादल प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह से मिलने पहुंचे।
चंडीगढ़:

खालिस्तान समर्थक आतंकवादी देवेंदर सिंह भुल्लर की मौत की सजा को माफ करने करने से उच्चतम न्यायालय के इनकार करने की पृष्ठभूमि में आज पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात की और उनसे ऐसा कोई रास्ता निकालने का आग्रह किया, जिससे भुल्लर को राहत मिल सके।

बैठक के बाद प्रकाश सिंह बादल ने संवाददाताओं से कहा कि हम भुल्लर मामले में प्रधानमंत्री से मिले और उन्हें एक ज्ञापन सौंपा। हमने प्रधानमंत्री से ऐसा कोई रास्ता निकालने का आग्रह किया, जिससे भुल्लर को राहत मिल सके।

उन्होंने कहा कि हमने भुल्लर को माफी दिए जाने के लिए रास्ता निकालने का आग्रह किया। हम सम्प्रदायिक सद्भाव चाहते हैं। इस सजा पर अमल होने पर लोग भावनात्मक हो सकते हैं। हमने राज्य में शांति स्थापित करने के लिए काफी मेहनत की है। हम नहीं चाहते कि शांति व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़े। उन्होंने कहा कि इस मामले में भुल्लर के खराब स्वास्थ्य के विषय को ध्यान में रखा जाए। स्वास्थ्य कारणों से ऐसी स्थिति में सजा पर अमल कानून सम्मत नहीं होगा।

बादल ने कहा कि हमने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि कृपया सम्प्रदायिक सौहार्द और शांति बनाए रखने में हमारी मदद करें।

यह पूछे जाने पर कि प्रधानमंत्री का रुख कैसा था, उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा कि वह इस मामले को देखेंगे।

प्रधानमंत्री के साथ बैठक के दौरान पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखवीर सिंह बादल भी मौजूद थे। प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद प्रकाश सिंह बादल ने कृषि मंत्री शरद पवार से उनके कार्यालय में मुलाकात की। बादल यह कहते रहे हैं कि भुल्लर की मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदला जाना चाहिए, क्योंकि उन्हें आशंका है कि इससे पंजाब में शांति व्यवस्था के समक्ष संकट उत्पन्न हो सकता है।

इससे पहले, अकाल तख्त ने शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति से भुल्लर को बचाने की दिशा में पहल करने का निर्देश दिया था।

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले सप्ताह भुल्लर की मौत की सजा को माफ करने की याचिका को खारिज कर दिया था।

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सुप्रीम कोर्ट ने पिछले वर्ष 19 अप्रैल को भुल्लर के परिवार की ओर से दायर उस याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा था, जिसमें इस आधार पर मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदलने की अपील की गई थी कि इस मामले में निर्णय लेने में काफी देरी हो चुकी है और वह (भुल्लर) मानसिक तौर पर स्वस्थ नहीं है।