भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने जेल से निकलने के बाद NDTV से खास बातचीत की. उन्होंने इस दौरान भारतीय जनता पार्टी पर जमकर हमला किया. चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि आज देश में जैसे हालात हैं, उसमें अब देश का हर बाग शाहीन बाग बन सकता है. उन्होंने कहा कि मेरी लड़ाई संविधान विरोधियों के खिलाफ है और देश में बीजेपी आज संविधान को खत्म करने में जुटी है. चंद्रशेखर आजाद ने नागरिकता कानून के विरोध दौरान दरियागंज में हुई हिंसा पर भी बात की. उन्होंने कहा कि मैं हिंसा का विरोध करता हूं. मैं चाहता हूं कि जब आप अपनी हक की बात करें तो वह सरकार सुने, लेकिन जब आप हिंसा करते हैं तो वह ठंडी हो जाती है. हमनें जामा मस्जिद पर शांति के साथ प्रदर्शन किया. दिल्ली पुलिस ने मेरे ऊपर जो भी आरोप लगाए उसे साबित नहीं कर पाई. आपको यह समझना होगा कि पुलिस किसके अंदर काम कर रही है. यूपी में पुलिस यूपी सरकार की सुनती है और वैसे ही दिल्ली में दिल्ली पुलिस केंद्र सरकार की सुनती है. मैंने जामा मस्जिद में प्रदर्शन के दौरान कोई अपराध नहीं किया है.
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केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि यह देश अभी मनुस्मृति से चल रहा है इसलिए देश में अब संविधान के प्रस्तावना को पढ़ना एक अपराध हो गया है. सरकार से बड़ा देश का संविधान है और कोर्ट है. एनडीटीवी से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि जामा मस्जिद पर कोई हिंसा नहीं हुई है. मैंने धारा 144 के तहत अकेले ही मार्च निकालने की अनुमति मांगी थी लेकिन मुझे वह अनुमति भी नहीं दी गई. ऐसा इसलिए भी किया क्या क्योंकि जब आप तय कर लें कि इस आदमी को नहीं जाने देना है तो यह तो गलत है.
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जामा मस्जिद जाकर हम यह बताना चाहते थे कि हम देश का और देश में बंटवारा नहीं चाहते हैं. इस देश की एकता, अखंडता और सभी को एक समान रखने की भावना को जिंदा रखना चाहते थे. चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि मैं दिल्ली पुलिस से यह पूछना चाहता हूं कि आखिर मैंने ऐसा क्या किया था कि मुझे गिरफ्तार करना चाहती थी. भारत का संविधान मुल्क के हर कमजोर इंसान की सुरक्षा करता है. चंद्रशेखर ने कहा कि मुझे बाबा साहेब ने यह सिखाया कि मुल्क में जब किसी को दिक्कत हो तो तुम उसके साथ खड़े रहो. मैं जाति और धर्म देखकर लोगों के साथ खड़ा नहीं होता हूं.
बता दें कि कुछ दिन पहले ही चंद्रशेखर आजाद शुक्रवार को फिर जामा मस्जिद पहुंचे थे. उन्हें जमानत पर रिहा करते हुए कोर्ट ने दिल्ली छोड़ने के लिए कहा था. दिल्ली छोड़ने की डेडलाइन पूरी होने से पहले उन्होंने जामा मस्जिद की सीढ़ियों पर प्रदर्शनकारियों के साथ बैठकर संविधान की प्रस्तावना पढ़ी. चंद्रशेखर को जामा मस्जिद पर ऐसा ही प्रदर्शन करने पर 21 दिसंबर को गिरफ्तार किया गया था. भीम आर्मी चीफ शुक्रवार सुबह मंदिर गए थे. इसके अलावा वह बंगला साहिब गुरुद्वारा और चर्च भी जाएंगे. उन्हें शुक्रवार रात 9 बजे से पहले दिल्ली छोड़नी है.
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भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद को गुरुवार की रात तिहाड़ जेल से रिहा किया गया था. चंद्रशेखर को पुरानी दिल्ली के दरियागंज में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था. आजाद के संगठन ने पुलिस की अनुमति के बगैर 20 दिसंबर को संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ जामा मस्जिद से जंतर मंतर तक मार्च का आयोजन किया था. भीम आर्मी प्रमुख को 21 दिसंबर को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था.
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