New Delhi:
उत्तर प्रदेश में राजनीति का अखाड़ा बने भट्टा-पारसौल गांव के मामले में नया मोड़ आ गया है। महिला एवं बाल कल्याण मंत्री कृष्णा तीरथ के संसद में दिए बयान के विपरीत अनुसूचित जाति आयोग ने सात पीड़ित महिलाओं के हलफनामे और बयानों के आधार पर आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज करने के लिए कहा है। एससी आयोग के अध्यक्ष पीएल पुनिया ने बताया, वहां (भट्टा-पारसौल) की सात महिलाओं ने इस बात की पुष्टि की है कि उनके साथ बलात्कार हुआ था। आयोग ने नोएडा के एसएसपी को आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर (प्राथमिकी) दर्ज करने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि आयोग ने 18 अगस्त को इस संबंध में पत्र जारी करके 3 अक्टूबर तक रिपोर्ट मांगी है। इससे पहले कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी और दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया था कि इस साल मई में पुलिस और ग्रामीणों के बीच हुई झड़पों के दौरान पुलिसकर्मियों ने भट्टा-पारसौल गांव की महिलाओं से बलात्कार किया था, लेकिन तीरथ ने संसद में दिए बयान में कहा कि इन गांवों में महिलाओं के साथ बलात्कार की पुष्टि नहीं हुई। पुनिया ने कहा, सात महिलाओं ने मई में हलफनामे में बयान दिया था कि उनके साथ बलात्कार हुआ। आयोग ने चिट्ठी भेजकर उन्हें बुलाया था और 17 अगस्त को उन्होंने (महिलाओं ने) पूरी बात बताई और बयान की पुष्टि की कि उनके साथ बलात्कार हुआ था।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
भट्टा-पारसौल, बलात्कार, किसान आंदोलन