अहमदाबाद / नई दिल्ली:
गुजरात दंगों की छाया नरेंद्र मोदी का पीछा नहीं छोड़ रही। मोदी पर दंगे भड़काने का आरोप लगाने वाले आईपीएस अफसर संजीव भट्ट के ड्राइवर ने पुष्टि की है कि भट्ट 27 फरवरी, 2002 को मोदी के घर हुई बैठक में हिस्सा लेने गए थे। संजीव भट्ट ने आरोप लगाया है कि इसी मीटिंग में मोदी ने पुलिस को हिन्दू दंगाइयों पर कार्रवाई न करने को कहा था। लेकिन नरेंद्र मोदी और बैठक में मौजूद कई और वरिष्ठ अधिकारियों ने एसआईटी की टीम को यही बताया है कि संजीव भट्ट उस बैठक में नहीं मौजूद थे। हालांकि भट्ट ने दावा किया है कि वह मीटिंग में थे। संजीव भट्ट के तब के ड्राइवर ताराचंद यादव का दावा है कि 27 फरवरी, 2002 की रात संजीव भट्ट बैठक के लिए मुख्यमंत्री के घर गए थे। ताराचंद ने एनडीटीवी इंडिया से यह भी कहा कि बैठक के बाद संजीव भट्ट गाड़ी में बैठकर पुलिस मुख्यालय वापस गए थे। संजीव भट्ट ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में जो हलफनामा दाखिल किया है, उसमें उन्होंने कहा कि 27 फरवरी, 2002 को हुई बैठक में मोदी ने पुलिस अधिकारियों से कहा था कि ऐसी स्थिति में यही ठीक है कि मुसलमानों को सबक सिखाया जाए, ताकि ऐसे हादसे फिर कभी न दोहराए जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा था कि हिन्दू इस वक्त काफी गुस्साए हुए हैं और ऐसे में उन्हें अपना गुस्सा निकालने दिया जाए।
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