स्वदेशी कंपनी भारत बायोटेक (Bharat Biotech) को कोविड वैक्सीन COVAXIN के उत्पादन और बिक्री का लाइसेंस मिला है. लाइसेंस के मुताबिक उसकी दो डोज़ की वैक्सीन है. पहली डोज़ के बाद दूसरी डोज 28 दिन बाद लगेगी. इसको 6 महीने तक 2 डिग्री से 8 डिग्री के बीच में स्टोर किया जा सकता है. भारत बायोटेक को जनहित में बहुत सावधानी के साथ, क्लीनिकल ट्रायल मोड में, आपातकालीन हालात में सीमित इस्तेमाल की मंजूरी मिली है
कंपनी को बताना होगा कि वह किस तरह से आपात हालात में सीमित इस्तेमाल के लिए वैक्सीन देगी. लाइसेंस में भारत बायोटेक से कहा गया है कि जब तक क्लीनिकल ट्रायल पूरा नहीं हो जाता तब तक वो तीनों फेज का सुरक्षा, प्रभावी और प्रतिरोध क्षमता संबंधी डेटा अपडेट के साथ दाखिल करेंगे. कंपनी को अपना जोखिम प्रबंधन प्लान भी जमा कराना होगा.
भारत बायोटेक से यह भी कहा गया है कि वो शुरुआती 2 महीने में हर 15 दिन में और उसके बाद बार महीने वैक्सीन सुरक्षा डेटा जमा कराए. इसमे AEFI यानी टीकाकरण के बाद होने वाली प्रतिकूल घटनाओं का भी डेटा शामिल है. यह न्यू ड्रग एंड क्लीनिकल ट्रायल 2019 के तहत ज़रूरी है.
देश में ऑक्सफोर्ड के टीके कोविशील्ड (Covishield) और भारत बायोटेक की कोवैक्सिन (Covaxin)को ड्रग कंट्रोलर ने आपात इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है. इससे भारत में टीकाकरण (Corona Vaccination) का रास्ता साफ हो गया है. सबसे पहले एक करोड़ हेल्थ वर्कर को टीका दिया जाएगा और फिर दो करोड़ के करीब फ्रंटलाइन वर्करों को मौका मिलेगा. उसके बाद 50 साल से अधिक उम्र के और गंभीर बीमारियों के शिकार 27 करोड़ लोगों को वैक्सीन दी जाएगी. हेल्थ और फ्रंटलाइन वर्करों को टीका मुफ्त मिलेगा, लेकिन बाकी की स्थिति साफ नहीं है.
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