पश्चिम बंगाल भारतीय जनता पार्टी (BJP) के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार (Sukanta Majumdar) ने राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Chief Minister Mamata Banerjee) पर निशाना साधा है और कहा है कि वो मदर टेरेसा के मिशनरीज ऑफ चैरिटी के बैंक खातों को फ्रीज करने पर विवाद खड़ने में सबसे आगे हैं. मजूमदार ने आरोप लगाया कि बनर्जी देश में सांप्रदायिक राजनीति को भड़काने में असदुद्दीन ओवैसी से भी ज्यादा सक्रिय हैं.
समाचार एजेंसी ANI से बात करते हुए मजूमदार ने कहा, "देश में सांप्रदायिक राजनीति को बढ़ावा देने में बनर्जी असदुद्दीन ओवैसी से भी ज्यादा सक्रिय हैं. उनका का स्थान सांप्रदायिक राजनीति में असदुद्दीन ओवैसी से भी ऊपर आएगा. उन्होंने मौलानाओं, मुअज्जिमों को पैसा देना शुरू कर दिया है और वह ईसाई समुदाय के साथ भी ऐसा ही करने की कोशिश कर रही हैं. हर चीज में केंद्र सरकार और धार्मिक कोण को घसीटना ममता बनर्जी की अब आदत हो गई है."
बीजेपी नेता ने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी देश में अशांति पैदा करना चाहती हैं. उन्होंने कहा, "वह देश में अशांति पैदा करना चाहती हैं. इससे उन पड़ोसी देशों को फायदा होगा जो भारत में परेशानी पैदा करना चाहते हैं. इसमें बनर्जी का क्या हित होना है? उन्हें ऐसी आदत से बचना चाहिए."
सोमवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार की आलोचना की थी और आरोप लगाया था कि उसकी एजेंसियों ने मिशनरीज ऑफ चैरिटी के बैंक खातों को फ्रीज कर दिया है.
ममता बनर्जी ने ट्विटर पर कहा था, "यह सुनकर स्तब्ध हूं कि क्रिसमस पर, केंद्रीय मंत्रालय ने मदर टेरेसा के मिशनरीज ऑफ चैरिटी के सभी बैंक खातों को भारत में बंद कर दिया! उनके 22,000 रोगियों और कर्मचारियों को भोजन और दवाओं के बिना छोड़ दिया गया है जबकि कानून सर्वोपरि है. मानवीय प्रयासों से समझौता नहीं किया जाना चाहिए."
इस बीच, मिशनरीज ऑफ चैरिटी ने सोमवार को एक बयान जारी कर जानकारी दी कि उसके FCRA का पंजीकरण न तो निलंबित किया गया है और न ही रद्द किया गया है. इसके अलावा, इसने स्पष्ट किया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा उसके किसी भी बैंक खाते पर रोक लगाने का आदेश नहीं दिया गया है.
गृह मंत्रालय (MHA) ने भी सोमवार को कहा था कि उसने मिशनरीज ऑफ चैरिटी (MoC) के FCRA लाइसेंस को 25 दिसंबर को रिन्यू करने से इनकार कर दिया, क्योंकि उसके खिलाफ इनपुट मिले थे. मंत्रालय ने कहा है कि उसने बैंक अकाउंट फ्रीज करने का आदेश नहीं दिया है.
एक बयान में, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा है कि FCRA के तहत मिशनरीज ऑफ चैरिटी के FCRA पंजीकरण के नवीनीकरण के लिए नवीनीकरण आवेदन 25 दिसंबर, 2021 को FCRA 2010 और विदेशी योगदान विनियमन नियम (FCRA) 2011 के तहत पात्रता शर्तों को पूरा नहीं करने के लिए अस्वीकार कर दिया गया था. मंत्रालय ने कहा कि नवीनीकरण के इस इनकार की समीक्षा के लिए मिशनरीज ऑफ चैरिटी से कोई अनुरोध / संशोधन आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं