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This Article is From Dec 23, 2014

ठीक से बर्ताव करें, अब हम सत्ता में हैं : नए विधायकों को सीएम फडणवीस की नसीहत

ठीक से बर्ताव करें, अब हम सत्ता में हैं : नए विधायकों को सीएम फडणवीस की नसीहत
देवेंद्र फडणवीस की फाइल तस्वीर
नागपुर:

महाराष्ट्र विधानसभा में अपने नए-नवेले मंत्रियों और विधायकों के बर्ताव से परेशान बीजेपी को आखिरकार आचार संहिता की किताब जारी करनी पड़ी है।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नागपुर विधानभवन परिसर में बने पार्टी दफ्तर में इस किताब का विमोचन किया। यह किताब सभी विधायकों को दी जाएगी।

किताब का विमोचन करते हुए मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा, "किसी भी सदस्य से सदन की गरिमा का हनन हों, ऐसा बर्ताव नहीं होना चाहिए। यह किताब सदन की प्रथा और परंपराओं के बारे में सभी को अवगत कराएगी।"

मुख्यमंत्री ने सदस्यों को सख्त हिदायत देते हुए कहा, "अब हम विपक्ष में नहीं, सत्ता पक्ष में हैं। इसलिए सदस्य भी अपना बर्ताव बदलें। जरूरी नहीं कि अपनी हर शिकायत को लेकर मुख्यमंत्री के पास पहुंच जाएं। संबंधित विभाग से पहले अपनी दरख्वास्त करें। सदन में हाजरी को लेकर गंभीर रहें।"

दरअसल, बीजेपी की महाराष्ट्र में पहली बार सरकार बनी है। इस सरकार में शिवसेना बाद में शामिल हुई। दोनों दलों के मिलाकर 184 विधायक और 30 मंत्री हैं। खुद मुख्यमंत्री मिलाकर 18 मंत्री पहली बार लालबत्ती पाए हैं, जबकि 288 की संख्या वाले सदन में 130 सदस्य पहली बार चुनकर आए हैं।

बीजेपी-शिवसेना सरकार के पहले विधानमंडल का अधिवेशन नागपुर में चल रहा है। इस दौरान पहली बार मंत्री या विधायक बने नेताओं से सदन की गरिमा का कई बार हनन हुआ। हद तो तब हुई, जब शिवसेना के कोटे से पहली बार राज्यमंत्री बने दादा भुसे अपनी सीट छोड़कर सदन में दूसरे विधायक के पास गप्पें लड़ाते पाए गए। विधानसभा अध्यक्ष हरिभाउ बागड़े को आदेश देकर राज्यमंत्री को अपनी सीट पर लौटने को कहा गया।

यही नहीं, एक बार तो मुख्यमंत्री फडणवीस के जवाब को उन्हीं के मंत्री प्रकाश मेहता ने बीच में ही काट दिया। इससे हुए हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही स्थगित भी करनी पड़ी।

बार-बार होती ऐसी घटनाओं के बाद विधानसभा अध्यक्ष के निर्देश पर संसदीय कार्यमंत्री गिरीश बापट ने नए मंत्री और विधायकों के लिए एक आचार संहिता बनाई है। इसमें लिखा गया है कि सदस्य अपना स्थान छोड़कर अध्यक्ष की कुर्सी के पास न जाएं। अध्यक्ष के खड़े होने पर अपने-अपने स्थान पर बैठ जाएं। नए सदस्य को बोलने दें। उनके भाषण में व्यवधान न डालें। अध्यक्ष की अनुमति के बगैर न बोलें। भाषण में असंसदीय शब्दों का प्रयोग न करें।

नागपुर में जारी सत्र इस बुधवार, 24 दिसंबर को खत्म होगा। इसके बाद अगला सत्र 3 महीने बाद होगा। उम्मीद है कि तब तक सभी विधायक आचार संहिता का पाठ रट चुके होंगे।

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