
अरविंद केजरीवाल की साख दांव पर
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यह उपचुनाव केजरीवाल के लिए बहुत अहम है
2015 की जीत के बाद कोई चुनाव नहीं जीता
उपचुनाव के नतीजे 28 अगस्त को घोषित होंगे
ये उपचुनाव केजरीवाल के भविष्य के लिए बेहद अहम है. दिल्ली में फरवरी 2015 में ऐतिहासिक जीत के बाद केजरीवाल की सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी कोई चुनाव जीत नहीं पाई है. इस सीट पर आम आदमी पार्टी का ही बागी नेता बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहा है. यहां केजरीवाल ने जमकर प्रचार किया. पार्टी के प्रदेश प्रमुख और दिल्ली सरकार के मंत्री गोपाल राय ने यहीं डेरा डाल लिया था. उत्तर पश्चिम दिल्ली की इस विधानसभा सीट पर कुल 379 मतदान केंद्र बनाए गए हैं, जिनमें करीब तीन लाख मतदाता वोट डालेंगे. नतीजा 28 अगस्त को घोषित होगा.
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दिल्ली विधानसभा में हालांकि आम आदमी पार्टी के पास पूर्ण बहुमत है, लेकिन नगर निगम चुनाव, राजौरी गार्डन विधानसभा उपचुनाव में हार का सामना करने के बाद इस सीट को जीतने के लिए पार्टी हरसंभव कोशिश में लगी है. आप ने इस सीट पर रामचंद्र को चुनाव मैदान में उतारा है.
VIDEO: दिल्ली की बवाना सीट पर उपचुनाव
बीजेपी ने आप उम्मीदवार के रूप में वर्ष 2015 में हुए विधानसभा चुनाव में बवाना से जीत दर्ज करने वाले वेद प्रकाश को अपना उम्मीदवार बनाया है. वेद प्रकाश ने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था और इसके बाद वह गत मार्च में आम आदमी पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे. चुनाव मैदान में एक अन्य प्रमुख उम्मीदवार कांग्रेस का भी है. कांग्रेस ने बवाना से तीन बार विधायक रहे सुरेंद्र कुमार को चुनाव मैदान में उतारा है.
आप के राष्ट्रीय संयोजक और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनकी कैबिनेट के सहयोगियों एवं आप के शीर्ष नेताओं ने क्षेत्र में जबरदस्त प्रचार किया था. दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने एक बयान में कहा कि उपचुनाव के लिए वोटर वेरिफायड पेपर ऑडिट ट्रायल (वीवीपीएटी) से लैस ईवीएम मशीनों का इस्तेमाल किया जाएगा.
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