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This Article is From Jan 26, 2012

जख्मों के साथ दो वर्षीय बच्ची एम्स पहुंची!

नई दिल्ली: दो वर्षीय एक बच्ची को एम्स में भर्ती कराया गया है जिसके सिर में गंभीर चोटें हैं, उसे दो बार दिल का दौरा पड़ चुका है और उसके हाथ टूटे हुए हैं। उसका इलाज कर रहे चिकित्सकों का कहना है कि उसके बचने की पचास प्रतिशत संभावना है।

उसका इलाज कर रहे न्यूरोसर्जन डॉ दीपक अग्रवाल ने कहा कि वह एम्स के न्यूरोसर्जरी की आईसीयू में भर्ती है और वेंटिलेटर पर है। पिछले कुछ दिनों में उसे दो बार दिल का दौरा पड़ा।

उन्होंने कहा, ‘उसके बचने की संभावना 50 फीसदी है। अगर वह बच जाती है तो पूरी जिंदगी उसे दूसरों पर निर्भर रहना होगा क्योंकि उसका मस्तिष्क हमेशा के लिए क्षतिग्रस्त हो गया है।’ जयप्रकाश नारायण एम्स ट्रामा केंद्र के प्रमुख डॉ एमसी मिश्रा ने कहा, ‘उसे 18 जनवरी को बुरी हालत में हमारे पास लाया गया। उसका सिर बुरी तरह कुचला हुआ था, उसके हाथ टूटे हुए थे, पूरे बदन पर काटने के निशान थे और उसके गाल गर्म सलाखों से दागे हुए थे। हमारे पास उसे लाने वाली नाबालिग लड़की ने दावा किया कि बिस्तर से गिरने के कारण उसकी ऐसी हालत हुई, जिस पर विश्वास करना कठिन है।’ उन्होंने कहा, ‘चूंकि उसके पूरे शरीर पर कटे हुए निशान थे, इसलिए हमने महिला रोग विशेषज्ञ से यह जांच करने को कहा है कि कहीं उसके साथ यौन र्दुव्‍यवहार तो नहीं हुआ।’

अधिकारी ने कहा कि पुलिस ने पाया कि बच्ची को एम्स पहुंचाने वाली नाबालिग लड़की पिछले वर्ष एक लड़के के साथ लापता हो गयी थी और वह संगम विहार में रह रही थी और बच्ची उसके पास पिछले करीब 20 दिनों से थी। पुलिस उपायुक्त छाया शर्मा (दक्षिण) ने कहा कि घटना के सिलसिले में धारा 363 (अपहरण), 317 (12 वर्ष से कम उम्र की लड़की को छोड़ना) और 324 एवं 325 (चोट पहुंचाना) के तहत अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज है।

उन्होंने कहा, ‘बच्चों के अभिभावकों का अभी पता नहीं चला है। हमने उत्तम नगर में भी खोजबीन कराई है।’ लड़की ने जब एम्स के अधिकारियों को बताया कि वह बच्ची की मां है तो एम्स चौकी में तैनात सिपाही को संदेह हुआ और उसने उसे वहां से नहीं जाने दिया।

अधिकारी ने कहा कि लड़की ने पुलिस को बताया कि जब उसने बच्ची को दौड़ने से रोकने की कोशिश की तो उसके शरीर पर जख्म आ गये। बच्ची के स्नानघर में गिर जाने से उसकी हड्डियां टूट गईं।

शर्मा ने कहा कि वह बच्चे की फोटो को जिपनेट में डलवा देंगी ताकि पता चल सके कि उसका अपहरण तो नहीं हुआ था। जिपनेट पांच उत्तरी राज्यों की पुलिस का नेटवर्क है। इससे अभिभावकों को पुलिस तक पहुंचने में मदद मिलेगी।

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Baby With Bite Marks, Battered Baby Girl, Child Abuse, एम्स में भर्ती बच्ची, लड़की से भेदभाव, घाव वाली बच्ची
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