डर और दर्द से लड़ने के लिए केरल की बलात्कार पीड़िता ने लिखी किताब, 'साया'

डर और दर्द से लड़ने के लिए केरल की बलात्कार पीड़िता ने लिखी किताब, 'साया'

तिरूवनंतपुरम:

नौकरी की तलाश के दौरान केरल में बलात्कार और प्रताड़ना की शिकार बनी बांग्लादेशी एक महिला ने अपनी अनकही तकलीफों और डराने वाले अनुभवों को चिट्ठियों और रंगों के माध्यम से साझा किया है। कुछ महीनों पहले कोझीकोड में देह व्यापार में धकेल दी गई। इस 34 वर्षीय महिला ने एक पुस्तक लिखी है, जिसमें कुछ कविताएं, एक लघु कथा और कुछ चित्रकारी है, जो उसके दुखभरे जीवन की कहानी कहते हैं।

तीन बच्चों की यह मां, अपने बच्चों को बेहतर भविष्य देने की लालसा लेकर नौकरी की तलाश में यहां आई थी। लेकिन वह शहर के देह व्यापार के दलालों के हाथ पड़ गई और उसके साथ बलात्कार हुआ। बाद में वह भाग निकली और शहर के एक आश्रय गृह में आसरा लिया। परेशानी झेल रहे लोगों के लिए काम करने वाले कोझीकोड के एक गैर सरकारी संगठन ‘आर्म ऑफ जॉय’ के स्वयंसेवकों को महिला की कविताएं और चित्रकारी मिली।

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‘आर्म ऑफ जॉय’ के अनूप जी. ने बताया कि ‘साया’ के साहित्यिक नाम से लिखे गए 80 पन्नों की किताब ‘नजान एन्ना मुरिवू’ में 18 कविताएं, 20 से ज्यादा चित्र और एक लघु कथा है। उन्होंने बताया कि महिला ने यह किताब अपनी भाषा ‘बांग्ला’ में लिखी थी, जिसे पहले अंग्रेजी में और फिर मलयालम में अनुवाद किया गया।