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This Article is From Jun 28, 2018

बांदा की मलाला का छलका दर्द, कहा- 'अब्‍बू पढ़ने नहीं देते, जबरन कराना चाहते हैं निकाह'

23 साल की गौसिया को तीन महीने से नजरबंद कर उसके घरवाले जबरन निकाह कराने पर तुले हैं.

बांदा की मलाला का छलका दर्द, कहा- 'अब्‍बू पढ़ने नहीं देते, जबरन कराना चाहते हैं निकाह'
प्रतीकात्मक चित्र
बांदा: पाकिस्तान की मलाला यूसुफजई तालिबान के हमले के बाद भले ही दुनिया की नजरों में आ गई हों और नोबेल पुरस्कार से नवाजी गई हों, लेकिन उत्तर प्रदेश के बांदा शहर की गौसिया किसी 'मलाला' से कम नहीं है. मलाला को मुस्लिम बच्चियों में शिक्षा की अलख जगाने खातिर तालिबान के हमले का शिकार होना पड़ा था, लेकिन यहां तो उसके घरवाले ही 'तालिबान' बने हुए हैं. 

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23 साल की गौसिया को तीन महीने से नजरबंद कर उसके घरवाले जबरन निकाह कराने पर तुले हैं. लेकिन इस मलाला ने हिम्मत दिखाते हुए नजरबंदी की जंजीरें तोड़कर कॉपी-किताबों के साथ पुलिस अधीक्षक कार्यालय में बुधवार को धरना दिया और कहा, 'मैं नेट एग्‍जाम देकर प्रोफेसर बनना चाहती हूं और हर धर्म की बच्चियों को शिक्षित करना चाहती हूं.' 

उसने कहा, 'मेरे अब्बू तीन महीने से मुझे नजरबंद कर मेरे साथ मारपीट कर रहे हैं और आगे की तालीम छोड़कर जबरन निकाह करना चाहते हैं.' 

बांदा के अपर पुलिस अधीक्षक ने मामला कोतवाली पुलिस के हवाले कर आगे की पढ़ाई जारी रखने के लिए उसके घरवालों से कोतवाल को बात करने की सलाह दी.

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अपर पुलिस अधीक्षक लाल भरत कुमार ने कहा, 'गौसिया ने अपने परिजनों के खिलाफ शिकायत दी है, जिसमें उसने तीन महीने तक नजरबंद रखने और आगे की पढ़ाई बंद कर जबरन निकाह कराने की बात कही है. उसने अपनी शिकयत में यह भी कहा है कि वह नेट एग्‍जाम देकर प्रोफेसर बनना चाहती है और सभी धर्म की बच्चियों को शिक्षित करना चाहती है.' 

उन्होंने बताया कि मामले की जांच को नगर कोतवाली पुलिस के हवाले कर दिया गया है और पुलिस उसके घरवालों से बात कर मामला सुलझा लिया जाएगा.

Video: बिहार में मुस्लिम लड़कियों की शिक्षा का जायजा इनपुट: आईएएनएस

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