यह ख़बर 12 जून, 2014 को प्रकाशित हुई थी

बदायूं दुष्कर्म : सीबीआई ने एफआईआर दर्ज किया

गाजियाबाद:

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में दुष्कर्म एवं हत्या के मामले में प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज कर लिया और मामले की जांच के लिए 20 अधिकारियों की टीम भेजने जा रही है। यह जानकारी सीबीआई के प्रमुख रंजीत सिन्हा ने दी।

27 मई को उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले के कटरा सदातगंज गांव में 14 और 15 साल की दो चचेरी बहनों से कथित तौर पर दुष्कर्म के बाद उन्हें पेड़ से फंदे में लटका पाया गया था। इस घटना के बाद पूरे देश में उबाल आ गया था।

गाजियाबाद स्थित सीबीआई अकादमी में एजेंसी के 17वें बैच के अधिष्ठापन समारोह में भाग लेने आए सीबीआई के निदेशक रंजीत सिन्हा ने संवाददाताओं से कहा, "केंद्र सरकार से हमें अधिसूचना मिल चुकी है और बदायूं दुष्कर्म एवं हत्या के मामले में मुकदमा दर्ज किया गया है।"

उन्होंने कहा कि फॉरेंसिक विशेषज्ञों समेत विशेष अपराध शाखा के एक दल का नेतृत्व पुलिस उपमहानिरीक्षक मधुकर तिवारी करेंगे।

सीबीआई के एक अधिकारी ने कहा, "शुक्रवार को दल उत्तर प्रदेश के लिए रवाना होगा। जांच दल को साजो-सामान मुहैया कराने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार से गुजारिश की गई है।"

एक अधिकारी ने कहा कि विशेष अपराध शाखा सीबीआई का ही एक हिस्सा है।

एजेंसी आरोपियों की हिरासत की भी मांग करेगी, जिन्हें इस मामले से जुड़े होने पर उत्तर प्रदेश पुलिस ने गिरफ्तार किया है।

राज्य पुलिस ने सात लोगों पर मामला दर्ज किया है।

सात आरोपियों में से पांच को गिरफ्तार कर लिया गया है, जिसमें से दो छत्रपाल यादव और सुरेश यादव सिपाही हैं, जबकि अन्य तीन अन्य भाई हैं।

गिरफ्तार तीन भाइयों में पप्पु, अवधेश और उर्वेश यादव हैं।

एजेंसी ने यह मामला भादवि की धारा 376-डी (सामूहिक दुष्कर्म), 302 (हत्या) और 120-बी (आपराधिक साजिश) और बच्चों को यौन अपराध से संरक्षण देने वाले कानून की धारा 3/4 के तहत मामला दर्ज किया है।

सीबीआई के एक अधिकारी के मुताबिक, आरोप है कि 27 मई की शाम जब दोनों किशोरियां शौच के लिए खोतों में गई थी तब तीन आरोपी भाइयों ने उनका अपहरण कर लिया था।

अधिकारी ने बताया, "इस अपहरण के गवाह कटरा, सादतगंज पुलिस चौकी गए और दोनों पुलिस कांस्टेबलों को इसकी जानकारी दी, लेकिन सक्रियता बरतने की जगह उन्होंने उल्टे उसकी पिटाई की और गालियां दी।"

उन्होंने यह भी कहा, "यह मामला थाना प्रभारी के भी ध्यान में लाया गया लेकिन पुलिस कथित रूप से सक्रिय नहीं हुई। बाद में दोनों किशोरियों को कथित सामूहिक दुष्कर्म के बाद गांव के बाहर पेड़ से फंदे पर लटकता पाया गया।"

मामले में एक नया मोड़ तब आया, जब उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ए.एल. बनर्जी ने पहले दावा किया कि एक पीड़ित से दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई थी। इससे लगा कि इस अपराध की मंशा के पीछे संपत्ति कारण हो सकती है।

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

दोहरे दुष्कर्म और हत्याकांड से पूरे देश में उबाल आ गया राज्य में कानून एवं व्यवस्था के प्रश्न पर अखिलेश यादव सरकार चौतरफा आलोचना का शिकार हो रही है।