नई दिल्ली:
भारत के सबसे नए राज्य तेलंगाना में आप चंद हजार रुपये में नवजात बच्चियों को खरीद सकते हैं। एनडीटीवी संवाददाता उमा सुधीर और राज्य बाल अधिकार आयोग के सदस्य बच्चे के इच्छुक दंपति बनकर राज्य के सबसे पिछड़े जिलों में से एक नलगोंडा गए, तो वह कई तरह की चौंकाने वाली हकीकत से रूबरू हुए।
पढ़ें वहां का आखों देखा हाल (देखें वीडियो रिपोर्ट)
एक स्थानीय ऑटो ड्राइवर बच्चियां दिखाने के लिए हमें सीधे सरकारी शिशु गृह ले गया और कहा कि हमें जो बच्चा चाहिए चुन लें। वहां कम से कम 8 से दस बच्चियां थी। जब उनसे पूछा गया कि क्या यहां बच्चे भी मिलेंगे, तो उसने कहा, 'यहां कोई बच्चा नहीं है मैडम।'
इस शिशु गृह तक जो शख्स हमें ले गया था, वह अब बिचौलिया बन गया। उसने हमसे कहा कि वह उसी से बात करेगा जो घर का इंचार्ज है।
उसने कहा, 'शाम तक रुक जाइए, तब आप बच्चे को ले जा सकेंगी, मैडम। वह तो आप जैसी दिखती भी है। अगर सर हां कर दें, तो शाम तक मैं बच्ची आपके सुपुर्द कर दूंगा।'
यहां हमें पता चला कि इस शिशु गृह में मौजूद ज्यादातर बच्चियां ऐसे परिवारों से हैं, जिन्हें सिर्फ बेटा चाहिए था। राज्य के आदिवासी इलाके में, जहां गरीबी अपने चरम पर है, कई लोग बच्चियों को ऐसे छोड़े जाने को व्यवहारिक मानते हैं। खास कर जब इन बच्चियों के बदले मिला पैसा जरूरतमंद परिवार के काम आ सकता है।
बिचौलिये का काम कर रहे उस शख्स ने हमसे फिर कहा, 'अगर आप कल आती, तो यहां जुड़वा बच्चियां कौड़ियों के दाम मिल रही थी।' उसने हमें बताया कि उनकी मां के पास पहले से दो बेटियां थी। वह बताता है, 'दोनों बच्चे लेडिस, मैडम। इसलिए दे दिया, सस्ते में दे दिया तीन-पांच हजार में।'
इसके एक दिन बाद हमें कमली नाम की एक औरत का फोन आया। उसने हमें बताया कि हमारे लिए उसने भवानी नाम की बच्ची का इंतजाम कर दिया है, जो हमें 30,000 रुपये में मिल जाएगी।
यहां थोड़ी मोल-तोल के बाद हमने कमली से कहा कि हम किसी शुभ दिन आएंगे और पैसे देकर बच्ची ले जाएंगे। हम वहां से तो लौट आए, लेकिन इस गरीब राज्य में जारी बच्चियों की बिक्री ने कई सवाल खड़े किए हैं।
भवानी जैसी बच्चियों की करें मदद
एनडीटीवी इस क्षेत्र में काम कर रहे एक एनजीओ के साथ मिलकर यह सुनिश्चित करेगा कि इन जैसी मासूम और उनके जरूरतमंद परिवार को मदद मिल सके।
इनकी मदद करने को इच्छुक पाठक इस पते पर संपर्क कर सकते हैं-
ग्राम्य रीसोर्स सेंटर फॉर वुमेन
12-13-440, गली न. 1, तरनाका,
सिकंदराबाद - 500017, तेलंगाना।
ई.मेल: vrukminirao@yahoo.com
फोन : 0091-40-42601382, +91-9440860271
भारत के सबसे नए राज्य तेलंगाना में आप चंद हजार रुपये में नवजात बच्चियों को खरीद सकते हैं। एनडीटीवी संवाददाता उमा सुधीर और राज्य बाल अधिकार आयोग के सदस्य बच्चे के इच्छुक दंपति बनकर राज्य के सबसे पिछड़े जिलों में से एक नलगोंडा गए, तो वह कई तरह की चौंकाने वाली हकीकत से रूबरू हुए।
पढ़ें वहां का आखों देखा हाल (देखें वीडियो रिपोर्ट)
एक स्थानीय ऑटो ड्राइवर बच्चियां दिखाने के लिए हमें सीधे सरकारी शिशु गृह ले गया और कहा कि हमें जो बच्चा चाहिए चुन लें। वहां कम से कम 8 से दस बच्चियां थी। जब उनसे पूछा गया कि क्या यहां बच्चे भी मिलेंगे, तो उसने कहा, 'यहां कोई बच्चा नहीं है मैडम।'
इस शिशु गृह तक जो शख्स हमें ले गया था, वह अब बिचौलिया बन गया। उसने हमसे कहा कि वह उसी से बात करेगा जो घर का इंचार्ज है।
उसने कहा, 'शाम तक रुक जाइए, तब आप बच्चे को ले जा सकेंगी, मैडम। वह तो आप जैसी दिखती भी है। अगर सर हां कर दें, तो शाम तक मैं बच्ची आपके सुपुर्द कर दूंगा।'
यहां हमें पता चला कि इस शिशु गृह में मौजूद ज्यादातर बच्चियां ऐसे परिवारों से हैं, जिन्हें सिर्फ बेटा चाहिए था। राज्य के आदिवासी इलाके में, जहां गरीबी अपने चरम पर है, कई लोग बच्चियों को ऐसे छोड़े जाने को व्यवहारिक मानते हैं। खास कर जब इन बच्चियों के बदले मिला पैसा जरूरतमंद परिवार के काम आ सकता है।
बिचौलिये का काम कर रहे उस शख्स ने हमसे फिर कहा, 'अगर आप कल आती, तो यहां जुड़वा बच्चियां कौड़ियों के दाम मिल रही थी।' उसने हमें बताया कि उनकी मां के पास पहले से दो बेटियां थी। वह बताता है, 'दोनों बच्चे लेडिस, मैडम। इसलिए दे दिया, सस्ते में दे दिया तीन-पांच हजार में।'
इसके एक दिन बाद हमें कमली नाम की एक औरत का फोन आया। उसने हमें बताया कि हमारे लिए उसने भवानी नाम की बच्ची का इंतजाम कर दिया है, जो हमें 30,000 रुपये में मिल जाएगी।
यहां थोड़ी मोल-तोल के बाद हमने कमली से कहा कि हम किसी शुभ दिन आएंगे और पैसे देकर बच्ची ले जाएंगे। हम वहां से तो लौट आए, लेकिन इस गरीब राज्य में जारी बच्चियों की बिक्री ने कई सवाल खड़े किए हैं।
भवानी जैसी बच्चियों की करें मदद
एनडीटीवी इस क्षेत्र में काम कर रहे एक एनजीओ के साथ मिलकर यह सुनिश्चित करेगा कि इन जैसी मासूम और उनके जरूरतमंद परिवार को मदद मिल सके।
इनकी मदद करने को इच्छुक पाठक इस पते पर संपर्क कर सकते हैं-
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12-13-440, गली न. 1, तरनाका,
सिकंदराबाद - 500017, तेलंगाना।
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