यह ख़बर 20 नवंबर, 2014 को प्रकाशित हुई थी

हिसार कोर्ट ने रामपाल को पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेजा

रामपाल को कोर्ट ले जाती पुलिस

चंडीगढ़ / पंचकुला / हिसार:

हिसार की कोर्ट ने बाबा रामपाल को पेशी के बाद पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है। रामपाल पर आश्रम में हुए विरोध के सिलसिले में जिन केसों में आरोपी बनाया गया है, आज उन्हें उन्हें केसों के सिलसिले में पुलिस हिरासत में भेजा गया है। हरियाणा पुलिस ने रामपाल को हाईकोर्ट में सुनवाई के बाद शाम को हिसार की अदालत में पेश किया था।

पुलिस द्वारा बुधवार रात को गिरफ्तार किए जाने के बाद रामपाल को गुरुवार दोपहर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के समक्ष पेश किया गया। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 28 नवंबर मुकर्रर की और तब तक के लिए रामपाल को न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

हाईकोर्ट ने हरियाणा पुलिस से पूछा है कि क्या रामपाल के आश्रम में हथियार या बंकर हैं। कोर्ट ने पूछा कि इस ऑपरेशन में कितने लोग घायल हुए। पुलिस को आश्रम से संबंधित रिपोर्ट पांच दिन में देने का निर्देश दिया गया है। वहीं कोर्ट ने हरियाणा पुलिस की तारीफ भी की है। कोर्ट ने कहा कि कम नुकसान में आपने यह ऑपरेशन पूरा किया। इसके साथ ही सरकारी वकील ने नुकसान का सारा खर्च रामपाल से वसूलने की मांग की है।

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने रामपाल की संपत्ति का ब्यौरा भी मांगा है और साथ ही कहा कि सरकारों को इस तरह के डेरों और आश्रमों पर लगाम लगानी चाहिए। उधर, रामपाल के बरवाला स्थित सतलोक आश्रम में तलाशी अभियान के दौरान हथियार बरामद हुए हैं। आश्रम में बम निरोधक दस्ते को भी बुलाया गया है।

इससे पहले, पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने साल 2006 के रोहतक मर्डर केस में रामपाल को मिली जमानत रद्द कर दी। रामपाल इस मामले में साल 2008 से जमानत पर था। हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए यह आदेश दिया।

उल्लेखनीय है कि एक हफ्ते से ज्यादा के हाई वोल्टेज ड्रामे के बाद हरियाणा पुलिस ने स्वघोषित संत रामपाल को हिसार के बरवाला स्थित उसके आश्रम से बुधवार रात गिरफ्तार कर लिया। रात में पुलिस आश्रम के अंदर घुसी और रामपाल को गिरफ्तार कर लिया। रामपाल के साथ उसके कई समर्थकों को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया।

रामपाल के समर्थक बड़ी संख्या में उसके प्रति भक्ति भाव के चलते आश्रम खिंचे चले आए, लेकिन वहां जो कुछ हुआ, उससे हजारों भक्तों की आंखें खुल गई हैं। आश्रम से बाहर आए समर्थक अपने घर लौटने को बेताब हैं। इनके लिए प्रशासन ने रोडवेज की बसों की व्यवस्था की है।

आश्रम में हथियार, युद्ध सामग्री समेत आपत्तिजनक वस्तुएं खोज निकालने के लिए व्यापक स्तरीय खोज अभियान चलाने से पहले पुलिस ने कहा कि वह यह सुनिश्चित करना चाहती है कि सभी निर्दोष अनुयायी बाहर आ जाएं, ताकि अंदर छिपे किसी भी कमांडो या आरोपियों को अलग-थलग किया जा सके। आश्रम में पुलिस ने अपनी छानबीन में अब तक 12 बोर की 23 राइफलें और 315 बोर की 10 राइफलें तथा एक देसी कट्टा भी बरामद किया है।

डॉक्टरों के मुताबिक बीमारी का बहाना बनाकर कोर्ट में पेश न होने वाला रामपाल पूरी तरह से फिट है और वह खुद चलकर गाड़ी तक आया। पुलिस की ओर से रामपाल के लिए तीन एंबुलेंस को लगाया गया था। रामपाल को गिरफ्तारी के बाद पुलिस मेडिकल चेक अप के लिए पंचकुला सिविल अस्पताल ले गई।

पुलिस महानिदेशक एसएन वशिष्ठ ने कहा कि रामपाल को एक अभियान के बाद हिरासत में ले लिया गया। अभियान बहुत मुश्किल था, क्योंकि सुरक्षा बलों को रामपाल के कमांडों के विरोध का सामना करना पड़ा। पानीपत के पुलिस अधीक्षक सतीश बालन ने कहा कि रामपाल ने समर्पण नहीं किया, बल्कि उसे सतलोक आश्रम से गिरफ्तार किया गया।

कभी इंजीनियर रहे रामपाल को पकड़ने के लिए चलाए गए अभियान में शामिल हिसार रेंज के पांच पुलिस अधीक्षकों में एक बालन भी थे। आश्रम में चार महिलाओं की रहस्यमयी परिस्थिति में मौत हो गई और दो अन्य लोगों की अस्पताल में मौत हो गई। आश्रम में बड़ी संख्या में फंसे लोगों की सुरक्षा का ध्यान रखते हुए पूरे अभियान को बड़ी सावधानी से संचालित किया गया। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, हमें खुशी है कि पूरा अभियान शांतिपूर्ण रहा।

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(इनपुट भाषा से भी)