भगोड़े कारोबारियों विजय माल्या, नीरव मोदी, मेहुल चोकसी की कुल 9,371 करोड़ की संपत्ति सरकारी बैंकों को ट्रांस्फर कर दी गई है ताकि उनके खिलाफ धोखाधड़ी के कारण हुए नुकसान की भरपाई की जा सके. प्राप्त जानकारी के अनुसार ED ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को 8441.5 करोड़ रुपये की कुर्क संपत्तियां हस्तांतरित कीं, जिन्हें विजय माल्या, नीरव मोदी द्वाराधोखाधड़ी के कारण नुकसान हुआ था. बताते चलें कि तीन भगौड़ो कारोबियों (विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी) ने पब्लिक सेक्टर के बैंकों को अपनी कंपनियों के माध्यम से बड़ी रकम की हेराफेरी करके धोखा दिया है, जिसके कारण बैंकों को कुल 22,585.83 करोड़ रुपयों का नुकसान हुआ था.
ED not only attached/ seized assets worth of Rs. 18,170.02 crore (80.45% of total loss to banks) in case of Vijay Mallya, Nirav Modi and Mehul Choksi under the PMLA but also transferred a part of attached/ seized assets of Rs. 9371.17 Crore to the PSBs and
— ED (@dir_ed) June 23, 2021
Central Government.
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इसी कड़ी में CBI ने प्राथमिकी दर्ज की और प्रवर्तन निदेशालय ने घरेलू व अंतर्राष्ट्रीय लेनदेन के अनगिनत मामलों का पता लगाया, साथ ही विदेशों में संपत्ति होने की भी बातें सामने आईं. साथ ही जांच में यह भी सामने आया कि तीनों आरोपियों ने नकली संस्थाओं का इस्तेमाल कर बारी बारी से बैंकों द्वारा उपलब्ध कराए गए रुपयों का गबन किया.
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मामले में फौरन कदम उठाते हुए प्रवर्तन निदेशालय ने 18 हजार 170 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति जब्त की, जिसमें विदेशों में स्थित 969 करोड़ की संपत्ति शामिल हैं. अब तक जब्त की गई कुल संपत्ति बैंकों को हुए नुकसान का 80.45 फीसदी है. ED की जांच में सामने आया है कि ज्यादातर संपत्तियों का बड़ा हिस्सा किसी फर्जी कंपनी, तीसरे पक्ष या ट्रस्ट के नाम पर जुटा रखी थी.
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ED के अनुसार तीनों आरोपियों के खिलाफ PMLA की जांच के बाद प्रॉसीक्यूशन शिकायत दायर की जा चुकी हैं. तीनों के प्रत्यर्पण के लिए यूनाइटेड किंगडम, एंटीगुआ और बारबुडा में निवेदन किया जा चुका है. विजय मालिया के प्रत्यर्पण का वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट ने आदेश दिया था जिस पर यूके हाई कोर्ट की मुहर लग चुकी है. चूंकि माल्या को यूके सुप्रीम कोर्ट में आवेदन की अनुमति नहीं मिली इसलिए उसका भारत प्रत्यर्पण होना निश्चित है.
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