विभिन्न राज्य विधानसभाओं के लिए हुए उप-चुनावों में गुजरात की महत्वपूर्ण मनसा सीट सत्तारूढ़ भाजपा हार गई है, जबकि आंध्र प्रदेश में जनता ने अलग तेलंगाना राज्य को मंजूरी नहीं देने के लिए केन्द्र में सत्तासीन कांग्रेस को दंडित किया है, और वह जिन सात सीटों पर उप-चुनाव हुए थे, उनमें से एक भी नहीं जीत पाई है। उधर, ओडिशा की अथागढ़ सीट सत्तारूढ़ पार्टी बीजू जनता दल (बीजद) ने जीती है।
गुजरात की बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही मनसा विधानसभा सीट, जो पिछली चार बार से भाजपा के पास थी, इस बार कांग्रेस के कब्जे में चली गई है। इस विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस के बाबू सिंह टकोरी ने भाजपा के डीडी पटेल को लगभग 8,000 वोटों से पराजित किया।
ओडिशा की अथागढ़ विधानसभा क्षेत्र में हुए उप-चुनाव में सत्तारूढ़ पार्टी बीजू जनता दल (बीजद) के प्रत्याशी पूर्व खेलमंत्री रामेंद्र प्रताप स्वैन ने अपने निकटतम कांग्रेस प्रत्याशी सुरेश मोहपात्रा को लगभग 47,000 मतों से हराया। स्वैन को 87,604 मत मिले, जबकि मोहपात्रा को 40,214 वोट हासिल हुए। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को तीसरे स्थान (2,452 मत) से संतोष करना पड़ा। स्वैन अपने चार कार्यकालों में 1990 से 2009 तक लगातार इसी विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते रहे हैं। वह 2000 से 2004 के दौरान मंत्री रहे और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, खेल, युवा सेवा व आवास सहित विभिन्न मंत्रालयों का कार्यभार संभाला।
सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिसम्बर, 2009 में इस सीट पर हुए चुनाव के परिणामों को रद्द करने व ताजा चुनाव कराने का आदेश दिए जाने के बाद इस साल 18 मार्च को यहां चुनाव हुआ था। स्वैन ने अदालत से उप-चुनाव लड़ने की इजाजत मांगी थी, क्योंकि उनके मुताबिक वर्ष 2009 में उन्हें अवैध तरीके से चुनाव लड़ने से रोका गया था।
हैदराबाद से मिली खबरों के मुताबिक आंध्र प्रदेश में सत्तारूढ़ कांग्रेस को तगड़ा झटका लगा है, और वह विधानसभा उप-चुनावों में एक सीट भी हासिल नहीं कर सकी है। तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) को चार सीटें मिली हैं, जबकि वाईएसआर कांग्रेस व एक निर्दलीय उम्मीदवार को एक-एक सीट मिली है। सातवीं सीट पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) हल्की बढ़त बनाए हुए है। राज्य विधानसभा की सात सीटों पर रविवार को उपचुनाव हुआ था। इनमें से छह सीटें तेलंगाना क्षेत्र में हैं।
कांग्रेस के दो विधायकों व तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के चार बागियों के इस्तीफा देने के बाद ये सीटें खाली हुई थीं। एक निर्दलीय विधायक का निधन हो जाने से महबूबनगर सीट खाली हो गई थी।
गुजरात की बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही मनसा विधानसभा सीट, जो पिछली चार बार से भाजपा के पास थी, इस बार कांग्रेस के कब्जे में चली गई है। इस विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस के बाबू सिंह टकोरी ने भाजपा के डीडी पटेल को लगभग 8,000 वोटों से पराजित किया।
ओडिशा की अथागढ़ विधानसभा क्षेत्र में हुए उप-चुनाव में सत्तारूढ़ पार्टी बीजू जनता दल (बीजद) के प्रत्याशी पूर्व खेलमंत्री रामेंद्र प्रताप स्वैन ने अपने निकटतम कांग्रेस प्रत्याशी सुरेश मोहपात्रा को लगभग 47,000 मतों से हराया। स्वैन को 87,604 मत मिले, जबकि मोहपात्रा को 40,214 वोट हासिल हुए। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को तीसरे स्थान (2,452 मत) से संतोष करना पड़ा। स्वैन अपने चार कार्यकालों में 1990 से 2009 तक लगातार इसी विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते रहे हैं। वह 2000 से 2004 के दौरान मंत्री रहे और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, खेल, युवा सेवा व आवास सहित विभिन्न मंत्रालयों का कार्यभार संभाला।
सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिसम्बर, 2009 में इस सीट पर हुए चुनाव के परिणामों को रद्द करने व ताजा चुनाव कराने का आदेश दिए जाने के बाद इस साल 18 मार्च को यहां चुनाव हुआ था। स्वैन ने अदालत से उप-चुनाव लड़ने की इजाजत मांगी थी, क्योंकि उनके मुताबिक वर्ष 2009 में उन्हें अवैध तरीके से चुनाव लड़ने से रोका गया था।
हैदराबाद से मिली खबरों के मुताबिक आंध्र प्रदेश में सत्तारूढ़ कांग्रेस को तगड़ा झटका लगा है, और वह विधानसभा उप-चुनावों में एक सीट भी हासिल नहीं कर सकी है। तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) को चार सीटें मिली हैं, जबकि वाईएसआर कांग्रेस व एक निर्दलीय उम्मीदवार को एक-एक सीट मिली है। सातवीं सीट पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) हल्की बढ़त बनाए हुए है। राज्य विधानसभा की सात सीटों पर रविवार को उपचुनाव हुआ था। इनमें से छह सीटें तेलंगाना क्षेत्र में हैं।
कांग्रेस के दो विधायकों व तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के चार बागियों के इस्तीफा देने के बाद ये सीटें खाली हुई थीं। एक निर्दलीय विधायक का निधन हो जाने से महबूबनगर सीट खाली हो गई थी।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं