प्रतीकात्मक इमेज
नई दिल्ली:
थल सेना के इन्फैंट्री यानि कि पैदल सेना के लिए राइफल और कार्बाइन लिये जायेंगे. रक्षा मंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में तीन हज़ार पांच सौ सैतालिस करोड़ की लागत से 72, 400 राइफल और 93, 895 कार्बाइन की मंजूरी दी गई. करीब 13 सालों पहले सेना ने ऐसे हथियारों के लिए अनुरोध किया था, जो अब जाकर पूरी हो रही है. ये असाल्ट राइफल और कार्बाइन नजदीकी लड़ाई में काफी कारगर होती हैं . इन हथियारों में रात में देखने की क्षमता भी होगी जो पुराने AK-47 जैसे हथियारों में नहीं होती थी. सेना में करीब पांच लाख पैदल सेना हैं जो लड़ाई में आगे मोर्चा संभालते हैं. सरहद पर तैनात जवानों के लिए सेना आधुनिक बुलेट प्रूफ जैकेट और हेमलेट भी लेने जा रही हैं.
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सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने अपने सालाना प्रेस कॉन्फ्रेंस में 12 जनवरी को कहा था कि अभी हमारे पास जैकेट्स हैं आते रहे हैं. लेकिन अभी जिस तरह आतंकवादी गोलियों का इस्तेमाल कर रहे हैं, हमारे जैकेट इसको रोक नहीं पा रहे हैं. आजकल एक स्टील कोर बुलेट्स लेकर आ रहे हैं. 2019 के अंत तक हम बुलेट प्रूफ जैकेट्स की सारी जरूरतें पूरी कर लेंगे. हमारे पास बैलेस्टिक हेलमेट भी आ गई हैं, क्योंकि हमारा पटका था (ललाट पर लगाने वाला) वह ठीक नहीं है. इसलिए अब बेलिस्टिक हेलमेट भी आ गई है.
VIDEO: लाइन ऑफ कंट्रोल से NDTV की ग्राउंड रिपोर्ट
सेना की ये सारी कवायद अपने पैदल सेना को मजबूत करना है, क्योंकि किसी भी सेना की नींव पैदल सेना ही होती है. बिना इसे मजबूत किये हुए कोई भी लड़ाई नहीं जीती जा सकती हैं.
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सेना की ये सारी कवायद अपने पैदल सेना को मजबूत करना है, क्योंकि किसी भी सेना की नींव पैदल सेना ही होती है. बिना इसे मजबूत किये हुए कोई भी लड़ाई नहीं जीती जा सकती हैं.
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