
कुलदीप मोरान को एक अगस्त को किया गया था अगवा
- उल्फा-आई ने वीडियो जारी कर रिहाई के लिए 1 करोड़ रुपये की मांग की थी
- कुलदीप मोरान को उल्फा-आई ने 1 अगस्त को अरुणाचल से अगवा कर लिया था
- असम के सीएम सोनोवाल ने भी कुलदीप की रिहाई के लिए मदद की गुहार लगाई थी
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नई दिल्ली:
असम के एक बीजेपी नेता का बेटा, जिसे अगस्त के महीने में उग्रवादी संगठन उल्फा-आई (यूनाईटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम - इंडिपेंडेंट) ने अगवा कर लिया था, रिहा हो गया है.
बीजेपी नेता रत्नेश्वर मोरान के 27 वर्षीय कुलदीप मोरान को उल्फा-आई ने 1 अगस्त को अरुणाचल प्रदेश से अगवा कर लिया था. उल्फा-आई ने आईएसआईएस के अंदाज में वीडियो जारी कर कुलदीप की रिहाई के लिए 1 करोड़ रुपये की मांग की थी.
वीडियो में नजर आ रहा था कि कुलदीप मोरान को पांच नकाबपोश हथियारबंद लोगों ने घेर रखा है. हरी टी-शर्ट पहने कुलदीप घुटने के बल खड़े दिखाई दे रहे थे. वीडियो में उन्हें कहते दिखाया गया था कि वह बहुत कमजोर हो गए हैं और उनकी सेहत भी काफी गिर गई है. कुलदीप अपने माता-पिता और असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल से खुद की रिहाई के लिए मदद की गुहार लगाते दिख रहे थे.
बीजेपी नेता रत्नेश्वर मोरान के 27 वर्षीय कुलदीप मोरान को उल्फा-आई ने 1 अगस्त को अरुणाचल प्रदेश से अगवा कर लिया था. उल्फा-आई ने आईएसआईएस के अंदाज में वीडियो जारी कर कुलदीप की रिहाई के लिए 1 करोड़ रुपये की मांग की थी.
वीडियो में नजर आ रहा था कि कुलदीप मोरान को पांच नकाबपोश हथियारबंद लोगों ने घेर रखा है. हरी टी-शर्ट पहने कुलदीप घुटने के बल खड़े दिखाई दे रहे थे. वीडियो में उन्हें कहते दिखाया गया था कि वह बहुत कमजोर हो गए हैं और उनकी सेहत भी काफी गिर गई है. कुलदीप अपने माता-पिता और असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल से खुद की रिहाई के लिए मदद की गुहार लगाते दिख रहे थे.
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