गहलोत सरकार में राजस्थान के नए मंत्रिमंडल में हेमाराम चौधरी, महेंद्रजीत सिंह मालवीय, रामलाल जाट, महेश जोशी, विश्वेंद्र सिंह, रमेश मीणा, ममता भूपेश ,टीकाराम जूली ,भजन लाल जाटव, गोविंद राम मेघवाल और शकुंतला रावत को नए कैबिनेट मंत्री के तौर पर जगह मिल सकती है. जबकि जाहिदा ,बृजेंद्र ओला , राजेन्द्र गुड़ा और मुरारी लाल मीणा राज्यमंत्री बनाए जा सकते हैं. जबकि मौजूदा मंत्रिमंडल में शामिल चेहरों को मिलाकर कुल 30 मंत्री बनाए जा सकते हैं.
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पूर्व परिवहन मंत्री प्रताप सिंह कचरियावास ने मीडिया से कहा कि ''सभी मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया है. जब पुनर्गठन की बात आती है, तो प्रक्रिया अब पूरी हो चुकी है. यह एक प्रक्रिया है. कल दोपहर 2 बजे पीसीसी की बैठक है, वहां सब जाएंगे. वहां हमें आगे के निर्देश जारी किए जाएंगे.''
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कैबिनेट में बहुप्रतीक्षित फेरबदल से एक दिन पहले अपनी सरकार के सभी मंत्रियों के इस्तीफे ले लिए हैं. नए मंत्रिमंडल का शपथ ग्रहण समारोह कल राजभवन में हो सकता है. दिल्ली में कांग्रेस नेता सचिन पायलट और वरिष्ठ नेताओं के बीच कई दौर की बैठकों के साथ कैबिनेट फेरबदल की उलटी गिनती शुरू हो गई थी. अशोक गहलोत ने कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी सहित पार्टी नेताओं से भी मुलाकात की थी.
पायलट के आधा दर्जन समर्थकों के मंत्रिमंडल में शामिल होने की संभावना है और उन्हें खुद राजस्थान के बाहर पार्टी में बड़ी भूमिका दी जा सकती है.
गहलोत मंत्रिमंडल में बसपा के कुछ पूर्व विधायक भी शामिल होंगे. इन विधायकों का राजस्थान में कांग्रेस में विलय हो गया था जिससे कांग्रेस को 200 सदस्यीय सदन में सहज बहुमत मिल गया था.
राजस्थान कैबिनेट में वर्तमान में 21 मंत्री हैं और अन्य नौ और मंत्रियों को शामिल करने की गुंजाइश है. मुख्यमंत्री के करीबी तीन मंत्रियों ने आजस पहले इस्तीफा देने की पेशकश की. उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर अपने पदों से इस्तीफा देने की पेशकश की थी. उन्हें पहले ही संगठनात्मक जिम्मेदारी दी जा चुकी है.
राजस्व मंत्री और बाड़मेर से विधायक हरीश चौधरी को पंजाब का पार्टी प्रभारी बनाया गया है. उन्हें हाल के राजनीतिक संकट के दौरान पंजाब में कांग्रेस को संभालने में एक प्रमुख भूमिका में देखा गया था. अजमेर के केकड़ी से विधायक रघु शर्मा को गुजरात का पार्टी प्रभारी बनाया गया है.
गहलोत के खिलाफ पायलट के विद्रोह के बाद पिछले साल राज्य के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने राज्य के पार्टी प्रमुख के रूप में सचिन पायलट की जगह ली थी. राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी (PCC) के अध्यक्ष डोटासरा ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस के 'एक पद एक व्यक्ति' के अनुशासन का हवाला देते हुए अपने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है.
उन्होंने कहा कि "कांग्रेस पार्टी के 'एक पद एक व्यक्ति' अनुशासन को ध्यान में रखते हुए, हमने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपना इस्तीफा दे दिया है. मैं यह देखने के लिए एक पार्टी कार्यकर्ता के रूप में काम करूंगा कि राजस्थान में लोगों को राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ मिल रहा है."
राजस्थान में मंत्रिमंडल के विस्तार की सुगबुगाहट कई दिनों से चल रही है. कांग्रेस नेता सचिन पायलट उनके समर्थक और विश्वसनीय विधायकों को मंत्रिमंडल में स्थान न मिलने से लंबे समय से असंतुष्ट चल रहे हैं. इसको लेकर कांग्रेस में विवाद चलता रहा है. पिछले दिनों कांग्रेस हाईकमान की अशोक गहलोत और सचिन पायलट के साथ अलग-अलग बैठकें हुई थीं. माना जाता है कि इस बैठक में अशोक गहलोत को यह साफ संदेश दे दिया गया था कि मंत्रिमंडल के विस्तार में सचिन पायलट के विश्वसनीय एमएलए को स्थान दिया जाए.