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This Article is From Jun 10, 2014

आसाराम के पूर्व सहयोगी रहे अमृत प्रजापति की मौत, हमले में हुए थे घायल

आसाराम के पूर्व सहयोगी रहे अमृत प्रजापति की मौत, हमले में हुए थे घायल
आसाराम यौन उत्पीड़न मामले में जेल में हैं
अहमदाबाद:

आसाराम के एक समय सहयोगी रहे आयुर्वेद चिकित्सक अमृत प्रजापति की मंगलवार को अपने आवास पर मौत हो गई। करीब दो सप्ताह पहले प्रजापति पर काफी करीब से गोली चलाई गई थी।

23 मई को राजकोट में दो अज्ञात हमलावरों के हमले का शिकार बने प्रजापति तभी से जिंदगी के लिए जंग लड़ रहे थे। मंगलवार सुबह उधव इलाके में स्थित आवास पर उनकी मौत हो गई।

प्रजापति के मामा मोती प्रजापति ने कहा, सुबह लगभग सात बजे वह अचेत हो गए। उनकी पत्नी ने मुझे बुलाया। मैं उनके घर पहुंचा और प्रजापति को सिविल अस्पताल लेकर गया। वहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

प्रजापति पिछले कई सालों से, खासतौर पर सूरत निवासी दो बहनों द्वारा आसाराम और उनके बेटे नारायण साईं पर बलात्कार का आरोप लगाए जाने के बाद से आसाराम और उनके बेटे के खिलाफ आवाज उठा रहे थे। ऐसे में प्रजापति के परिवार के सदस्यों का आरोप है कि गोलीबारी आसाराम और साईं के आदेश पर की गई।

मोती प्रजापति ने कहा, गोलीबारी के बाद, प्रजापति ने हमले के पीछे पांच संदिग्ध लोगों के नाम दिए थे। उन्होंने इन लोगों के फोन नंबर और पते तक दिए थे। हालांकि राजकोट पुलिस ने अब तक इनमें से किसी को गिरफ्तार नहीं किया है।

प्रजापति आयुर्वेद के काबिल चिकित्सक थे और 90 के दशक के अंतिम सालों में लगभग 12 साल तक वह आसाराम के निजी चिकित्सक रहे। लगभग 15 साल पहले अपने गुरु से मतभेद हो जाने के कारण प्रजापति ने आसाराम का मोटेरा स्थित आश्रम छोड़ दिया था। इसके बाद आश्रम में दो किशोर लड़कों की मौत हो जाने के बाद उन्होंने आसाराम के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए थे।

राजकोट में गोली लगने से पहले प्रजापति पर सात से ज्यादा बार हमला किया जा चुका था। इसके बाद वह अपनी सुरक्षा के लिए अपने पास लाइसेंसी रिवॉल्वर रखने लगे थे। 23 मई को प्रजापति राजकोट स्थित अपने दवाखाने में थे, तभी दो अज्ञात लोगों ने उन पर बहुत करीब से गोली चला दी। गोलीबारी में प्रजापति गंभीर रूप से घायल हो गए, क्योंकि एक गोली उनकी गर्दन और ठोढ़ी को चीर गई थी।

आसाराम और साईं के खिलाफ दो बहनों ने आरोप लगाए थे कि 17 साल पहले मोटेरा और सूरत स्थित आश्रम में उनके साथ इन लोगों ने बलात्कार किया। इसके बाद से आसाराम और साईं जेल में बंद हैं। बड़ी बहन ने आरोप लगाया कि शहर के बाहरी क्षेत्र में स्थित मोटेरा आश्रम में रहने के दौरान आसाराम ने उसके साथ बार-बार यौन दुराचार किया था।

छोटी बहन ने आरोप लगाया कि नारायण साईं ने लगातार उसका शारीरिक शोषण किया। यह दुराचार तब किया गया, जब वह सूरत स्थित आश्रम में रह रही थी। पुलिस ने इनके खिलाफ बलात्कार के दो अलग-अलग मामले दर्ज किए हैं। इससे पहले, बलात्कार मामलों के तीन अहम गवाहों के साथ एक माह पहले सूरत में हमले की विभिन्न घटनाएं हुई थीं।

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