नई दिल्ली:
आसाराम मामले में मुख्य गवाह महिंदर चावला की याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने बताया कि उन्होंने ड्राफ्ट 'गवाह नीति' तैयार की है और कहा कि सरकार जल्द ही गवाहों की सुरक्षा के लिए कानून पास करने वाली है. चावला ने याचिका दाखिल करके मांग की थी कि आसाराम दुष्कर्म मामले के 10 गवाहों पर हमले की सीबीआई जांच की जाए. साथ ही गवाहों की सुरक्षा के लिए नीति बनाने की भी मांग की थी. सुप्रीम कोर्ट ने इस बाबत पांच राज्यों को जवाब दाखिल करने को कहा था.
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को केंद्र सरकार से कहा कि जब तक कानून पास नहीं हो जाता, तब तक सभी राज्य सरकारें गवाहों की सुरक्षा को लेकर 'गवाह नीति' को लागू करें. कोर्ट ने कहा कि हम सभी राज्यों से 'गवाह नीति' लागू करने के लिए कहेंगे। बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को कहा था कि गवाहों की सुरक्षा को लेकर अगस्त तक योजना बनाए। कोर्ट ने कहा था कि आपराधिक मामलों में उन गवाहों की सुरक्षा को लेकर योजना बनाए, जिनको आरोपियों से जान का खतरा है या हो सकता है.
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वहीं केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि पहले 22 मार्च को गवाहों की सुरक्षा को लेकर पत्र लिखा था, जिसके बाद कुछ राज्य सरकारों ने जवाब दाखिल किया था. इसके बाद हमने दोबारा राज्य सरकारों को 11 अप्रैल को रिमाइंडर भेजा. बता दें, पिछली सुनवाई में हाई प्रोफाइल मामलों में गवाहों की सुरक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्य सरकारों को नोटिस जारी किया था। सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्य सरकारों से पूछा था कि गवाहों की सुरक्षा के लिए क्या योजना है?
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सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को केंद्र सरकार से कहा कि जब तक कानून पास नहीं हो जाता, तब तक सभी राज्य सरकारें गवाहों की सुरक्षा को लेकर 'गवाह नीति' को लागू करें. कोर्ट ने कहा कि हम सभी राज्यों से 'गवाह नीति' लागू करने के लिए कहेंगे। बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को कहा था कि गवाहों की सुरक्षा को लेकर अगस्त तक योजना बनाए। कोर्ट ने कहा था कि आपराधिक मामलों में उन गवाहों की सुरक्षा को लेकर योजना बनाए, जिनको आरोपियों से जान का खतरा है या हो सकता है.
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वहीं केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि पहले 22 मार्च को गवाहों की सुरक्षा को लेकर पत्र लिखा था, जिसके बाद कुछ राज्य सरकारों ने जवाब दाखिल किया था. इसके बाद हमने दोबारा राज्य सरकारों को 11 अप्रैल को रिमाइंडर भेजा. बता दें, पिछली सुनवाई में हाई प्रोफाइल मामलों में गवाहों की सुरक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्य सरकारों को नोटिस जारी किया था। सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्य सरकारों से पूछा था कि गवाहों की सुरक्षा के लिए क्या योजना है?
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