नागरिकता कानून के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग इलाके में चल रहे प्रदर्शन को लेकर हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने सोमवार को कहा कि इस कानून के खिलाफ सड़कों पर लगातार प्रदर्शन कर रही इन औरतों को मैं सलाम करता हूं. उन्होंने इस प्रदर्शन को लेकर एक ट्वीट भी किया. उन्होंने लिखा कि कड़ाके की सर्दी में महिलाएं शाहीन बाग में CAA, NRC और NPR के ख़िलाफ एहतेजाज कर रही हैं. हम उनको सलाम करते हैं. उन्होंने एक सभा को संबोधित करते हुए आज मैं इन महिलाओं को सलाम करता हूं जो दिन रात खुले आसमान के नीचे चार से पांच डिग्री के ठंड में बैठकर इस कानून का विरोध कर रही हैं. उन्होंने कहा कि पीएम को चाहिए कि वह इस कानून को वापस लें. ओवैसी ने अपने संबोधन में इशारो ही इशारों में जेएनयू में हुई हिंसा का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि देश के पीएम को चाहिए था कि इस लड़की से मिलें जिसके सिर पर पिटाई की वजह से कई टाकें आए हैं. पीएम को चाहिए था कि वह अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के उस छात्र से भी मिलें जिसने अपना हाथ गंवा दिया. इन छात्रों से मिलें और कहें कि तुम सब मेरे अपने बच्चे हो. लेकिन वह ऐसा नहीं कर पाए.
कड़ाके की सर्दी में महिलाएं शाहीन बाग में #CAA_NRC_NPR के ख़िलाफ एहतेजाज कर रही हैं।
— AIMIM (@aimim_national) January 13, 2020
हम उनको सलाम करते हैं।#सलाम_शाहीन_बाग pic.twitter.com/ccUhm6qxLB
बता दें कि यह कोई पहला मौका नहीं है जब नागरिकता कानून को लेकर असदुद्दीन ओवैसी ने पीएम या केंद्र सरकार पर निशाना साधा हो. इससे पहले ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने शुक्रवार को आरोप लगाया था कि बीजेपी और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार ने संशोधित नागरिकता कानून (CAA) को लेकर भ्रम पैदा किया है और उनके द्वारा धर्म के नाम पर भेदभाव किया जा रहा है. उनसे पूछा गया था कि क्या सीएए को लेकर ''अफवाहों'' को दूर करने की जरूरत है क्योंकि सरकार द्वारा इस बात का स्पष्ट भरोसा देने के बावजूद कि भारतीय मुसलमानों को कुछ नहीं होगा, कई मुसलमानों का दावा है कि उन्हें "बाहर कर" दिया जाएगा.
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ओवैसी ने कहा था कि सरकार क्यों नहीं कहती है... असम में, जहां एनआरसी लागू किया गया, आप करीब 5.40 लाख बंगाली हिंदुओं को सीएए के जरिये नागरिकता दे रहे हैं. आप असम में पांच लाख मुसलमानों को नहीं देंगे. उन्होंने कहा, "यह अफवाह है या सच? सरकार को बताना चाहिए. सरकार पर भ्रमित करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा, "आप भेदभाव कर रहे हैं. आप धर्म के आधार पर कानून बना रहे हैं और फिर शिकायत भी कर रहे हैं..."
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सीएए के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हिंसा के बारे में पूछे जाने पर ओवैसी ने कहा कि वह इस तरह की हिंसा की निंदा करते हैं, चाहे फिर वह लखनऊ, अहमदाबाद, बेंगलुरु या कहीं और हो. एआईएमआईएम नेता ने कहा कि वह सभी से अपील करते हैं कि वे विरोध करने के संवैधानिक अधिकार का इस्तेमाल करें, लेकिन हिंसा का सभी को निंदा करनी चाहिए. सीएए के खिलाफ यहां शनिवार को एमआईएमआईएम और अन्य की ओर से आयोजित की जाने वाली रैली के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि सीएए "काला कानून" है और यह "असंवैधानिक" भी है.
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