
नागरिकता संशोधन बिल (Citizenship Amendment Bill) सोमवार को लोकसभा में पेश हुआ और विधेयक के पक्ष में 311 मत, जबकि विरोध में 80 मत पड़े. जिसके बाद इसे लोकसभा से मंजूरी दे दी गई. इस मामले में असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर ट्वीट किया. उन्होंने ट्वीट में लिखा, ''आधी रात के समय जब दुनिया सो रही थी, भारत की स्वतंत्रता, समानता, भाईचारावाद और न्याय के आदर्शों के साथ धोखा किया गया. मैंने इसके खिलाफ कड़ा संघर्ष किया और मैं हर भारतीय से वादा करता हूं कि यह लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है. निराशा को अपने करीब मत आने दीजिए. निडर और मजबूत रहें.''
बताते चले कि सासंद असदुद्दीन ओवैसी ने संसद में चर्चा के दौरान नागरिकता संशोधन बिल को फाड़कर अपना विरोध दर्ज कराया था. उन्होंने सदन से बाहर आने के बाद NDTV से खास बातचीत की. उन्होंने इसक दौरान कहा कि मैं इस बिल का विरोध करता हूं इसलिए मैंने यह बिल फाड़ा. औवैसी ने कहा कि इस बिल को एनआरसी से जोड़ना जरूरी है. इसे एनआरसी के साथ जोड़कर देखना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि यह बिल पूरी तरह से मुसलमानों के साथ भेदभाव करने वाली है. उन्होंने आगे कहा कि यह हर भारतीय का अधिकार है कि वह सरकार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जा सकती है. और इस बार तो सरकार ने संविधान की आत्मा के साथ ही खिलवाड़ किया है.
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चर्चा के दौरान सोमवार को AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने इस विधेयक पर ऐतराज जताते हुए इसकी कॉपी को फाड़ कर फेंक दिया था. बिल को फाड़ते हुए ओवैसी ने कहा था कि ये एक और विभाजन होने जा रहा है. यह बिल भारत के संविधान की मूल भावना के खिलाफ है और हमारे स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान करने वाला है. मैं बिल को फाड़ता हूं, जो हमारे देश को विभाजित करने का प्रयास करता है. हैदराबाद से सांसद ओवैसी ने इस बिल को मौलिक अधिकारों का उल्लंघन भी बताया. इससे पहले असदुद्दीन ओवैसी ने गुरुवार को NDTV से खास बातचीत में नागरिकता संशोधन बिल (Citizenship Amendment Bill) और एनआरसी (NRC) के मुद्दे को लेकर सरकार पर जमकर निशाना साधा था.
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