लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल (Citizenship Amendment Bill ) पर चर्चा के दौरान AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने इस विधेयक पर ऐतराज जताते हुए इसकी कॉपी को फाड़ कर फेंक दिया. बिल को फाड़ते हुए ओवैसी ने कहा कि ये एक और विभाजन होने जा रहा है. यह बिल भारत के संविधान की मूल भावना के खिलाफ है और हमारे स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान करने वाला है. मैं बिल को फाड़ता हूं, जो हमारे देश को विभाजित करने का प्रयास करता है. हैदराबाद से सांसद ओवैसी ने इस बिल को मौलिक अधिकारों का उल्लंघन भी बताया. इससे पहले असदुद्दीन ओवैसी ने गुरुवार को NDTV से खास बातचीत में नागरिकता संशोधन बिल (Citizenship Amendment Bill) और एनआरसी (NRC) के मुद्दे को लेकर सरकार पर जमकर निशाना साधा था.
Asaduddin Owaisi, AIMIM on #CitizenshipAmendmentBill2019 in Lok Sabha: Ye aur ek partition hone ja raha hai...This bill is against the Constitution of India and disrespect to our freedom fighters. I tear the bill, it is trying to divide our country. https://t.co/aQ2LFl5jG8
— ANI (@ANI) December 9, 2019
ओवैसी ने कहा था कि संविधान में नागरिकता को धर्म से नहीं जोड़ा गया. पहली बार ऐसा हो रहा है जब बीजेपी की सरकार अपना असली चेहरा दिखा रही है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने दिखा दिया है कि वे अपनी विचारधारा पर अमल कर रहे हैं संविधान पर नहीं. उन्होंने इसे संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 का उल्लंघन बताया था.
इससे पहले असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने कहा था कि नागरिकता (संशोधन) विधेयक लाने का मकसद हिन्दुस्तान को एक धर्म आधारित देश बनाना है. उन्होंने कहा था कि हिन्दुस्तान और इस्राइल में अब कोई फर्क नहीं रहेगा. संविधान में मजहब के आधार पर सिटिजनशिप की कोई बात ही नहीं है. उन्होंने सवाल पूछा कि कोई नास्तिक होगा तो क्या करेंगे आप? इस तरह का कानून बनाने के बाद पूरी दुनिया में हमारा मजाक बनेगा. बीजेपी सरकार हिन्दुस्तान के मुसलमानों को संदेश देना चाहती है कि आप अव्वल दर्जे के शहरी नहीं हैं बल्कि दूसरे दर्जे के शहरी हैं.
बिल के पीछे कोई राजनीतिक एजेंडा नहीं: अमित शाह
लोकसभा में बिल पर चर्चा के दौरान अमित शाह ने कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक के पीछे कोई राजनीतिक एजेंडा नहीं है. किसी के साथ अन्याय का कोई प्रश्न ही नहीं उठता है. अमित शाह ने कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक धार्मिक रूप से प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने का बिल है. इस बिल ने किसी मुस्लिम के अधिकार नहीं लिए हैं. हमारे एक्ट के अनुसार कोई भी आवेदन कर सकता है. नियमों के अनुसार आवेदन करने वालों को नागरिकता दी जाएगी.'
VIDEO: केसों का उदाहरण देकर असदुद्दीन ओवैसी ने किया CAB का विरोध
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