AIMIM के अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) और चीनी रक्षा मंत्री वेई फेंगही के बीच बैठक को लेकर सवाल उठाए. दोनों रक्षा मंत्रियों की बैठक से पहले ओवैसी ने कहा कि भारत का पक्ष रहा है कि हम विवाद को द्विपक्षीय तरीके से सुलझा लेंगे. रूस की मदद लेकर, आप ने कमजोरी दिखाई है. ओवैसी ने कहा कि क्या आप (राजनाथ सिंह) चीन से यह कहने वाले हैं कि वह लद्दाख में कब्जाई भारत की 1000 वर्ग किलोमीटर जमीन को बिना किसी शर्त के खाली करे.
ओवैसी ने शुक्रवार को अपने ट्वीट में राजनाथ सिंह पर बोलते हुए लिखा- "भारत का पक्ष रहा है कि हम विवाद को द्विपक्षीय तरीके से सुलझा लेंगे. रूस की मदद लेकर, आप ने कमजोरी दिखाई है. अगर आप चीन से एक विजयी योद्धा के तौर पर बात करते तो इससे आपको फायदा मिलता, लेकिन अब आप उनसे ऐसे मिल रहे है जैसे उन्हें भारतीय इलाकों की जमीन पर कब्जा करने दिया हो और आप हारी हुई पोजिशन में आ गए हों."
Sir @rajnathsingh are you to going to ask Chinese Defense Minister to unconditionally vacate 1000 sq km Indian territory they have occupied in Ladakh in last 4 months?
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) September 4, 2020
Or are you going to follow @PMOIndia in saying that no one has come into our area?
We deserve to know https://t.co/2WtT21BzvF
असदुद्दीन ओवैसी ने अपने दूसरे ट्वीट में कहा, "सर राजनाथ सिंह जी क्या आप चीन के विदेश मंत्री से यह कहने वाले हैं कि वह लद्दाख में पिछले 4 महीने में कब्जाई भारत की 1000 वर्ग किलोमीटर जमीन को बिना किसी शर्त के खाली करे? या फिर प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की तरह यह कहने जा रहे हैं कि हमारे इलाके में कोई आया ही नहीं. हम यह बात जानना चाहते हैं."
भाषा की खबर के मुताबिक, भारत और चीन के मध्य पर सीमा विवाद (LAC Dispute) को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और चीनी रक्षा मंत्री वेई फेंगही के बीच शुक्रवार को दो घंटे से अधिक समय तक बैठक हुई. जिसमें पूर्वी लद्दाख में सीमा पर तनाव को कम करने पर ध्यान केन्द्रित रहा. सरकारी सूत्रों ने यह जानकारी दी. पूर्वी लद्दाख में मई में सीमा पर हुए तनाव के बाद से दोनों ओर से यह पहली उच्च स्तरीय आमने सामने की बैठक थी. इससे पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल गतिरोध दूर करने के लिए चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ टेलीफोन पर बातचीत कर चुके हैं.
(भाषा के इनपुट के साथ)
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