अरविंद पनगढ़िया का नीति आयोग के उपाध्‍यक्ष पद से इस्‍तीफा

तात्‍कालिक रूप से शिक्षा क्षेत्र में लौटने की बात कहकर उन्‍होंने इस्‍तीफा दिया है. अरविंद पांच जनवरी, 2015 को नीति आयोग के उपाध्‍यक्ष बने थे.

अरविंद पनगढ़िया का नीति आयोग के उपाध्‍यक्ष पद से इस्‍तीफा

फाइल फोटो

खास बातें

  • 2015 में नीति आयोग के उपाध्‍यक्ष बने
  • इससे पहले कोलंबिया यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर रहे
  • फिर से शिक्षा क्षेत्र में लौटने की बात कही

नीति आयोग के गठन के बाद उसके पहले उपाध्‍यक्ष बने अरविंद पनगढ़िया ने अपने पद से इस्‍तीफा दे दिया है. वह अब 31 अगस्‍त ही इस पद पर रहेंगे. तात्‍कालिक रूप से शिक्षा क्षेत्र में लौटने की बात कहकर उन्‍होंने इस्‍तीफा दिया है. अरविंद पांच जनवरी, 2015 को नीति आयोग के उपाध्‍यक्ष बने थे. योजना आयोग के नीति आयोग के रूप में गठन के बाद वह इसके पहले उपाध्‍यक्ष बने थे. प्रसिद्ध अर्थशास्‍त्री पनगढ़िया आर्थिक उदारीकरण के पैरोकार माने जाते रहे हैं.

भारतीय-अमेरिकी अर्थशास्‍त्री अरविंद नीति आयोग के उपाध्‍यक्ष बनने से पहले कोलंबिया यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर रहे हैं. वह इससे पहले एशियाई विकास बैंक के मुख्‍य अर्थशास्‍त्री रहे हैं. इसके अलावा वह वर्ल्‍ड बैंक, अंतरराष्‍ट्रीय मुद्रा कोष, विश्‍व व्‍यापार संगठन और अंकटाड में भी काम कर चुके हैं. उन्‍होंने प्रतिष्ठित प्रिंसटन यूनिवर्सिटी से पीएचडी की डिग्री ली है.

पनगढि़या ने तकरीबन 10 किताबें लिखी हैं. भारत के संदर्भ में उनकी किताब India: The Emerging Giant खासी चर्चित रही. यह पुस्‍तक 2008 में प्रकाशित हुई थी.


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