यह ख़बर 09 अक्टूबर, 2012 को प्रकाशित हुई थी

वाड्रा पर मेहरबान डीएलएफ, हुड्डा सरकार बनी 'एजेंट' : केजरीवाल

खास बातें

  • इंडिया अगेंस्ट करप्शन (आईएसी) के नेता अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा पर लगाए अपने आरोपों को आगे बढ़ाते हुए मंगलवार को उनके प्रति डीएलएफ की मेहरबानियों के नए चिट्ठे सामने रखे।
नई दिल्ली:

इंडिया अगेंस्ट करप्शन (आईएसी) के नेता अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा पर लगाए अपने आरोपों को आगे बढ़ाते हुए मंगलवार को उनके प्रति डीएलएफ की मेहरबानियों के नए चिट्ठे सामने रखे। साथ ही उन्होंने हरियाणा की भूपिंदर सिंह हुड्डा सरकार को लपेटते हुए उसे डीएलएफ की एजेंट करार दिया।

केजरीवाल ने हरियाणा सरकार से डीएलएफ को लाभ पहुंचाए जाने के विषय में श्वेत पत्र लाने की भी मांग की। उन्होंने वाड्रा पर लगे आरोपों पर केंद्र सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों पर सफाई देने पर सवाल खड़ा किया।

उधर, हरियाणा सरकार ने केजरीवाल के आरोपों का खंडन किया है वहीं कांग्रेस ने केजरीवाल के आरोपों की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े करते हुए उन्हें संबंधित प्राधिकरण में औपचारिक शिकायत दर्ज कराने की नसीहत दी।

केजरीवाल ने वाड्रा के खिलाफ लगाए गए आरोपों के बारे में सबूत देने की कांग्रेस की मांग पर मंगलवार को एक संवाददाता सम्मेलन किया। इस दौरान उन्होंने वाड्रा के खिलाफ नए आरोप लगाए।

केजरीवाल ने इससे पहले डीएलएफ पर वाड्रा को सस्ती जमीन एवं फ्लैट देने के आरोप लगाए थे और कहा था कि इसके लिए हरियाणा एवं राजस्थान सरकार ने डीएलएफ को उपकृत किया था।

सबूतों के विषय में केजरीवाल ने कहा, "हम लोग जांच एजेंसी नहीं हैं। लेकिन आरोप लगाने के दिन से कथित 'मैंगो लोग' हमारे पास सबूत भेज रहे हैं।" केजरीवाल ने मीडिया में सबूतों की प्रतियां वितरित कीं।

केजरीवाल ने कहा, "पंचायत एवं हुडा की भूमि डीएलएफ को दी गई। डीएलएफ के लिए फ्लोर एरिया रेशियो बढ़ाया गया और भूमि आवंटन के नियमों में हेराफेरी की गई।" उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार एवं डीएलएफ के बीच रिश्ते को पंजाब एवं हरियाणा के उच्च न्यायालय ने दुर्भावनापूर्ण सांठगांठ कहा था।

केजरीवाल ने कहा, "हरियाणा सरकार ने गुड़गांव में अस्पताल के अधिग्रहित 30 एकड़ जमीन डीएलएफ को दे दिया। इसके बाद लोगों ने उच्च न्यायालय की शरण ली। उच्च न्यायालय ने अधिग्रहण को रद्द करते हुए कहा था कि जमीन गलत उद्देश्य के लिए ली गई है और डीएलएफ एवं हरियाणा सरकार के बीच दुर्भावनापूर्ण गठजोड़ है।"

केजरीवाल ने कहा, "हरियाणा सरकार ने गुड़गांव में 350 एकड़ भूमि डीएलएफ को दे दी। इसमें से 75 एकड़ जमीन हुडा की थी जो लोगों के लिए घर बनाने के नाम पर किसानों से अधिग्रहित की गई थी। शेष भूमि उद्योग विकास से जुड़े विभाग की थी।

हरियाणा सरकार ने डीएलएफ को जंगल की जमीन भी नियमों की अनदेखी करते हुए जल्दीबाजी में आवंटित कर दी।" उन्होंने कहा, "हरियाणा सरकार डीएलएफ की एजेंट है।"

केजरीवाल ने वाड्रा का बचाव करने पर केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम की आलोचना की। उन्होंने कहा, "हमने जो सबूत उपलब्ध कराए हैं वह आयकर छापे के लिए पर्याप्त हैं। लेकिन जब देश का वित्तमंत्री ही वाड्रा के पक्ष में बोल रहा है तो किस अधिकारी के पास छापा डालने की हिम्मत होगी?" उन्होंने पूछा कि वाड्रा के बचाव में कांग्रेस के नेता एवं मंत्री क्यों खड़े हो गए हैं।

केजरीवाल ने प्रश्न दागा, "वित्तमंत्री क्यों उनकी तरफदारी कर रहे हैं? कानून मंत्री क्यों पक्ष ले रहे हैं? सभी मंत्री उन्हें बचाने की कोशिश कर रहे हैं।"

हरियाणा सरकार ने केजरीवाल द्वारा लगाए गए आरोपों को खारिज कर दिया।

आरोपों पर सफाई देते हुए हरियाणा टाउन प्लानिंग के निदेशक टीसी गुप्ता ने चण्डीगढ़ में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "हरियाणा सरकार ने डीएलएफ की कोई मदद नहीं की। केजरीवाल ने हरियाणा सरकार पर डीएलएफ को फ्लोर एरिया रेशियो बढ़ाने की गैर वाजिब अनुमति देने का आरोप लगाया था।" उन्होंने कहा कि घनत्व इसलिए बढ़ गया क्योंकि जमीन को हेक्टेयर से एकड़ में बदल दिया गया।

गुप्ता ने गुड़गांव की 30 एकड़ वाली अस्पताल की भूमि को डीएलएफ को देने के केजरीवाल के आरोप को झूठा बताया। उनके मुताबिक यह सरकार की भूमि नहीं थी और इसे 16 साल पहले ही डीएलएफ को बेच दिया गया था। उन्होंने कहा, "गुड़गांव में 37 एकड़ भूमि ईस्ट इंडिया होटल्स को 1984 में अस्पताल बनाने के लिए दी गई थी। कम्पनी ने हरियाणा सरकार की अनुमति से इसमें से 30 एकड़ भूमि डीएलएफ को 1995 में बेच दी थी।"

इस बीच, इन आरोपों को कांग्रेस ने यह सवाल उठाते हुए खारिज करने की कोशिश की कि केजरीवाल ने जो दस्तावेज पेश किए हैं उनकी क्या वैधता है।

कांग्रेस प्रवक्ता राशिद अल्वी ने कहा, "केजरीवाल की ओर से प्रस्तुत किए गए दस्तावेजों की सत्यता कौन प्रमाणित करेगा। उन्होंने जो भी आरोप लगाए हैं उनमें नया कुछ भी नहीं है। उन्होंने गत सप्ताह जो बातें कही थीं, उन्हीं बातों को उन्होंने दोहराया है। सस्ती लोकप्रियता के लिए बार-बार बेबुनियाद आरोपों को दोहराने की हम निंदा करते हैं।"

इस मामले की जांच कराने के बारे में पूछे जाने पर अल्वी ने कहा, "जब तक इस बारे में कहीं कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं कराता, दो लोगों के बीच हुए निजी लेनदेन के मामले की जांच कैसे कराई जा सकती है।"

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केजरीवाल द्वारा हरियाणा सरकार के खिलाफ लगाए गए आरोपों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "इस बारे में क्या किसी ने हरियाणा सरकार से कोई संपर्क किया है। कोई शिकायत की गई है। हरियाणा सरकार को जब लगेगा तो वह अपना पक्ष रखेगी।"