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This Article is From Apr 14, 2017

EXCLUSIVE - राजौरी गार्डन की हार को MCD का 'ट्रेलर' न समझें : अरविंद केजरीवाल

EXCLUSIVE - राजौरी गार्डन की हार को MCD का 'ट्रेलर' न समझें : अरविंद केजरीवाल
नई दिल्ली: दिल्ली के राजौरी गार्डन में हुए उपचुनाव में आम आदमी पार्टी को एक बड़ी हार का सामना करना पड़ा. इससे पहले पंजाब और गोवा में भी आम आदमी पार्टी को शिकस्त झेलनी पड़ी. इस मुद्दे पर और साथ ही आने वाले एमसीडी चुनाव पर अरविंद केजरीवाल ने NDTV से खास बातचीत में कहा कि दिल्ली सरकार के कामों को लेकर बहुत सकारात्मकता है. दो साल के अंदर दिल्ली के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली और पानी के लिए बहुत काम किया.

जहां तक राजौरी गार्डन की हार का सवाल है तो केजरीवाल ने कहा कि जरनैल सिंह ने वहां बहुत काम किया था और वे पंजाब जाना चाहते थे. वे चले गए तो लोगों में बहुत गुस्सा था, जिसे लोगों ने निकाला. इसे एमसीडी चुनावों का 'ट्रेलर' कहना गलत है.

केजरीवाल ने इस बातचीत में कहा कि 'पिछले विधानसभा चुनाव से पहले भी हम कैंट से हार गए थे इसलिए ट्रेलर कहना गलत है. दिल्ली के लोग समझ रहे हैं कि बीजेपी को वोट दिया तो स्थिति ऐसी ही रहेगी. दिल्ली में एमसीडी में बहुत करप्शन है. स्थिति बीजेपी को वोट देने से नहीं बदलेगी.'

इसके साथ ही दिल्ली सीएम ने कहा कि लोग दिल्ली सरकार की परफॉर्मेंस भी देख रहे हैं. दिल्ली सरकार के काम लोग देख रहे हैं. केजरीवाल ने कहा कि - मैं इलेक्शन कमीशन के पास जा रहा हूं. 2006 के पहले की मशीनें इस्तेमाल नहीं करनी चाहिए. ईवीएम से छेड़छाड़ हो सकती है, इसलिए हम इसके खिलाफ हैं. यहां न तो बैलेट पेपर लाए जा रहे हैं न ही सही मशीनें प्रयोग कर रहे हैं.

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि 10 तरीकों से ईवीएम से छेड़छाड़ हो सकती है. चुनाव आयोग ने कोई भी ऐसा कदम नहीं उठाया जिससे जनता में भरोसा लौटे. चुनाव आयोग जानबूझकर धृतराष्ट्र बन गया है जो अपने बेटे दुर्योधन को किसी भी तरह सत्ता दिलाना चाहता है. इन मशीनों में क्या गड़बड़ है वह जांच करके क्यों नहीं बताता. केजरीवाल ने आरोप लगाया है कि 'ईवीएम पर तमाम रिपोर्ट्स को लेकर चुनाव आयोग आंखें मूंदकर बैठा है. हरियाणा, झारखंड, महाराष्ट्र में बीजेपी जीती तो हमने कुछ नहीं कहा. तब सिर्फ दिल्ली कैंट का ही मामला था, लेकिन अब सबूत सामने हैं.'

विज्ञापनों पर किए गए खर्चे को लेकर अरविंद केजरीवाल ने कहा कि उनकी पार्टी ने 2 साल में 97 करोड़ खर्च किए. अगर उनसे हिसाब मांगा जा रहा है तो देश के दूसरे मुख्यमंत्रियों से भी विज्ञापन के पैसे मांगे जाएं. विज्ञापन का ये पूरा मामला राजनीति से प्रेरित है. रामजेठमलानी की फीस को लेकर अरविंद केजरीवाल ने कहा कि - मैंने भ्रष्टाचार को लेकर एक जांच बैठाई और एक सीएम होने के नाते मुझ पर केस किया गया. तो उसका पैसा सरकार ही देगी इसमें गलत क्या है.

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