
नई दिल्ली:
गांधीवादी सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने सोमवार को कहा कि यदि उनके पूर्व सहयोगी अरविंद केजरीवाल केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल के खिलाफ चुनाव लड़ते हैं तो वह उनके लिए प्रचार करेंगे।
अन्ना हजारे ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "मैं अरविंद से कहूंगा कि वह उस व्यक्ति के खिलाफ चुनाव लड़ें जो चांदनी चौक से है। क्या है उसका नाम .. कपिल सिब्बल।"
ज्ञात हो कि सिब्बल संसद में चांदनी चौक लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं और वह केंद्रीय मानव संसाधन विकास और दूरसंचार मंत्री हैं।
हजारे ने कहा, "यदि वह सिब्बल के खिलाफ चुनाव लड़ते हैं तो मैं उनके लिए प्रचार करूंगा।" उन्होंने कहा, "अभी तक अरविंद में मुझे कोई भी गलत चीज नहीं दिखी है। समाज सेवा के लिए उन्होंने पारिवारिक जिंदगी त्याग दी।"
हजारे ने कहा, "यह कहना सही नहीं है कि अरविंद महत्वाकांक्षी हो गए हैं। उन्होंने जो भी किया है वह समाज के लिए किया है। इसमें कोई स्वार्थ नहीं है।"
हजारे ने कहा, "अरविंद से मेरा कोई मतभेद नहीं है। मतभेद हो भी क्यों? वे चुनाव लड़ना चाहते हैं और हम नहीं।"
यह पूछे जाने पर कि वह सिब्बल के खिलाफ क्यों हैं, हजारे ने कहा, "जन लोकपाल का सबसे पहले विरोध उन्होंने ही किया था। उन्होंने ही कहा था कि कैसे कोई बाहरी संयुक्त समिति में हो सकता है। मैंने उनसे कहा था कि जब देश आजाद हो गया उसी दिन जनता मालिक हो गई और वह सिर्फ नौकर हैं।"
हजारे ने कहा, "ऐसे लोग सत्ता में रहे यह अच्छा नहीं है।" उन्होंने यह भी कहा कि पूर्व सहयोगियों से उनका कोई मतभेद नहीं है। वह चूंकि राजनीति से दूर रहना चाहते थे इसलिए उनके साथ हाथ नहीं मिलाया।
"यदि मुझे राजनीति में आना होता तो मैं सबसे पहले ग्राम पंचायत का चुनाव लड़ता। राजनीति से जुड़ने की कभी मेरी इच्छा ही नहीं रही। लेकिन कोई बहस नहीं और कोई मतभेद नहीं.. हमारा उद्देश्य एक ही है।"
ज्ञात हो कि केजरीवाल अन्ना हजारे के सबसे करीबी सहयोगी थे लेकिन चुनाव लड़ने को लेकर अन्ना से हुए मतभेद के बाद वह अलग हो गए।
अरविंद केजरीवाल मंगलवार को गांधी जयंती के मौके पर अपनी पार्टी लांच करेंगे।
अन्ना हजारे ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "मैं अरविंद से कहूंगा कि वह उस व्यक्ति के खिलाफ चुनाव लड़ें जो चांदनी चौक से है। क्या है उसका नाम .. कपिल सिब्बल।"
ज्ञात हो कि सिब्बल संसद में चांदनी चौक लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं और वह केंद्रीय मानव संसाधन विकास और दूरसंचार मंत्री हैं।
हजारे ने कहा, "यदि वह सिब्बल के खिलाफ चुनाव लड़ते हैं तो मैं उनके लिए प्रचार करूंगा।" उन्होंने कहा, "अभी तक अरविंद में मुझे कोई भी गलत चीज नहीं दिखी है। समाज सेवा के लिए उन्होंने पारिवारिक जिंदगी त्याग दी।"
हजारे ने कहा, "यह कहना सही नहीं है कि अरविंद महत्वाकांक्षी हो गए हैं। उन्होंने जो भी किया है वह समाज के लिए किया है। इसमें कोई स्वार्थ नहीं है।"
हजारे ने कहा, "अरविंद से मेरा कोई मतभेद नहीं है। मतभेद हो भी क्यों? वे चुनाव लड़ना चाहते हैं और हम नहीं।"
यह पूछे जाने पर कि वह सिब्बल के खिलाफ क्यों हैं, हजारे ने कहा, "जन लोकपाल का सबसे पहले विरोध उन्होंने ही किया था। उन्होंने ही कहा था कि कैसे कोई बाहरी संयुक्त समिति में हो सकता है। मैंने उनसे कहा था कि जब देश आजाद हो गया उसी दिन जनता मालिक हो गई और वह सिर्फ नौकर हैं।"
हजारे ने कहा, "ऐसे लोग सत्ता में रहे यह अच्छा नहीं है।" उन्होंने यह भी कहा कि पूर्व सहयोगियों से उनका कोई मतभेद नहीं है। वह चूंकि राजनीति से दूर रहना चाहते थे इसलिए उनके साथ हाथ नहीं मिलाया।
"यदि मुझे राजनीति में आना होता तो मैं सबसे पहले ग्राम पंचायत का चुनाव लड़ता। राजनीति से जुड़ने की कभी मेरी इच्छा ही नहीं रही। लेकिन कोई बहस नहीं और कोई मतभेद नहीं.. हमारा उद्देश्य एक ही है।"
ज्ञात हो कि केजरीवाल अन्ना हजारे के सबसे करीबी सहयोगी थे लेकिन चुनाव लड़ने को लेकर अन्ना से हुए मतभेद के बाद वह अलग हो गए।
अरविंद केजरीवाल मंगलवार को गांधी जयंती के मौके पर अपनी पार्टी लांच करेंगे।
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