राज्यसभा में भारतीय मछुआरों को पाकिस्तान से वापस लाने की मांग उठी
खास बातें
- कहा, अब तक 270 भारतीय मछुआरों को पकड़ चुका पाकिस्तान
- मछली पकड़ने की 1200 नौकाएं अपने कब्जे में कर चुका है
- सरकार उससे बात करे और समस्या का स्थायी समाधान निकाले
नई दिल्ली: संसद में मंगलवार को मांग की गई कि पाकिस्तान की नौवहन एजेंसी द्वारा पकड़े गए भारतीय मछुआरों को रिहा कराने के लिए सरकार वहां समुचित प्राधिकार से बातचीत करे.शून्यकाल के दौरान उच्च सदन राज्यसभा में यह मुद्दा उठाते हुए कांग्रेस के कुमार केतकर ने कहा कि हाल ही में पाकिस्तानी नौवहन एजेंसी ने 56 भारतीय मछुआरों को पकड़ लिया जो अपने ही जलक्षेत्र में थे. उन्होंने कहा कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है. पाकिस्तानी नौवहन एजेंसी अब तक 270 भारतीय मछुआरों को पकड़ चुकी है और मछली पकड़ने की 1200 से अधिक नौकाएं वह अपने कब्जे में कर चुकी है.संसद में केतकर ने सरकार से मांग की कि पाकिस्तान की नौवहन एजेंसी द्वारा पकड़े गए भारतीय मछुआरों को रिहा कराने के लिए सरकार वहां समुचित प्राधिकार से बातचीत करे तथा इस समस्या का स्थायी समाधान निकालने का प्रयास करे.
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शून्यकाल में कांग्रेस के ही मल्लिकार्जुन खड़गे ने बेरोजगारी का मुद्दा उठाते हुए कहा कि कोरोना वायरस महामारी ने इस समस्या को और अधिक विकराल कर दिया है. उन्होंने कहा कि विश्व बैंक ने भारत को 21 लाख रोजगार हर साल मुहैया कराने का सुझाव दिया था. खड़गे ने कहा कि खुद मोदी सरकार ने हर साल दो करोड़ लोगों को रोजगार देने का वादा किया था लेकिन आज बेरोजगारों की संख्या इससे कई गुना अधिक हो गई है. उन्होंने कहा कि केंद्रीय विद्यालयों, रेलवे, पुलिस, न्यायपालिका, आदि में कुल में मिला कर लगभग 20 लाख पद रिक्त हैं तथा सरकार को तत्काल भर्तियां करनी चाहिए. उन्होंने कहा ‘‘अगर नए रोजगार सृजित नहीं किए जा सकते तो कम से कम रिक्त पदों पर ही भर्तियां कर दी जाएं.''
वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के वी विजय साई रेड्डी ने विशाखापट्टनम में केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) की एक पीठ स्थापित करने की मांग की.शून्यकाल में ही माकपा सदस्य के सोमाप्रसाद, द्रमुक के तिरूचि शिवा, और एमएनएफ सदस्य के वनेल्वम ने भी अपने अपने मुद्दे उठाए. इसके बाद विशेष उल्लेख के तहत कांग्रेस की अमी याज्ञिक, के सी वेणुगोपाल, फूलोदेवी नेताम, अन्नाद्रमुक के ए विजय कुमार, बीजद के भास्कर राव नेकन्टी, भाजपा सदस्य के सी राममूर्ति और महाराजा सनाजोबा लेशांबा, द्रमुक के एम षणमुगम और तेदेपा के कनकमेदला रवींद्र कुमार ने भी लोक महत्व से जुड़े मुद्दे उठाए.
बिना डेटा की सरकार : विपक्ष
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)