राज्यसभा में आतंकवाद के खिलाफ UAPA संशोधन बिल पास हो गया है. इसको प्रवर समिति में भेजने का प्रस्ताव वोटिंग के दौरान गिर गया. इस बिल पर चर्चा के दौरान गृहमंत्री अमित शाह और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के बीच नोंकझोंक देखने को मिली. कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि बीजेपी पर शक है. कांग्रेस ने कभी आतंकवाद से समझौता नहीं किया है इसलिए यह बिल लेकर आई थी. लेकिन आपने दो बार आतंकवाद से समझौता किया है, पहले रुबिया सईद को छुड़वाने में फिर मसूद अजहर को छोड़ने. इस दौरान दिग्विजय सिंह ने आशंका जताई कि बिल का दुरुपयोग कर उन्हें 'आतंकी' घोषित कर दिया जाएगा. इस पर गृह मंत्री ने कहा कि अगर वह (दिग्विजय सिंह) कुछ नहीं करेंगे तो उन्हें कुछ नहीं होगा.
आतंकवाद के खिलाफ UAPA संशोधन बिल राज्यसभा में पास, पढ़ें किसने क्या कहा
विधेयक पर चर्चा के दौरान इसके प्रावधानों के दुरूपयोग की आशंका जताते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा कि कोरेगांव मामले में उनका भी नाम जोड़ा गया है. उन्होंने आशंका जतायी, ‘आप (सरकार) सबसे पहले मुझे ही उसमें (आतंकवादी की सूची में) डालेंगे.'बाद में चर्चा का जवाब देते हुए गृह मंत्री शाह ने कहा, ‘मैं उनको (सिंह को) आश्वस्त करना चाहता हूं, अगर कुछ नहीं करोगे तो कुछ नहीं होगा.' गृह मंत्री ने यह भी कहा, ‘दिग्विजय जी का गुस्सा मैं समझ सकता हूं. अभी अभी चुनाव हार कर आए हैं. उनका गुस्सा निकलना स्वाभाविक है.'
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चर्चा में हिस्सा लेते हुये दिग्विजय सिंह ने आतंकवाद से जुड़े तीन मामलों (समझौता एक्सप्रेस विस्फोट, मक्का मस्जिद विस्फोट और अजमेर शरीफ विस्फोट) में एनआईए की जांच के बाद अभियुक्तों के बरी होने का जिक्र करते हुये सरकार पर निशाना साधा था. इस दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा, 'इमरजेंसी के दौरान क्या हुआ था? सारे मडिया को बैन कर दिया गया था, सारे विपक्षी नेताओं को जेल भेज दिया गया था. 19 महीनों तक कोई लोकतंत्र नहीं था और आप हमपर कानून का दुरुपयोग करने का आरोप लगा रहे हैं? कृपया अपना पुराना इतिहास देखें.'
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