यमन (Yemen) में एक यमनी नागरिक की हत्या के मामले में मौत की सजा का सामना कर रही केरल की महिला को बचाने के लिए राजनयिक हस्तक्षेप का निर्देश देने का अनुरोध करते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) में अपील दायर की गई है. एक संगठन द्वारा दायर अर्जी में अदालत से केंद्र को यह निर्देश देने का अनुरोध किया गया है कि वह पीड़ित परिवार के साथ बातचीत की सुविधा प्रदान करे और यमन के कानून के तहत ‘ब्लड मनी'(मृतक परिवार को धन के रूप में हर्जाना देकर सजा से मुक्ति) देकर भारतीय नागरिक निमिषा प्रिया को मौत की सजा से बचाए.
निमिषा प्रिया भारतीय नर्स हैं और वर्ष 2020 में उन्हें यमनी नागरिक तलाल अब्दो महदी की हत्या का दोषी ठहराया गया था. महदी की मौत जुलाई 2017 में शामक औषधि की अधिक खुराक की वजह से हुई थी. औषधि की अधिक खुराक निमिषा ने कथित तौर पर इंजेक्शन के जरिए दी थी, ताकि वह अपना पासपोर्ट हासिल कर सके.पासपोर्ट महदी के कब्जे में था.
याचिका में आरोप लगाया गया है कि महदी ने पीड़िता से शादी दिखाने के लिए फर्जी दस्तावेज का इस्तेमाल किया था. वह पीड़िता का उत्पीड़न करने के साथ उसे यातना देता था.
याचिकाकर्ता ‘सेव निमिषा प्रिया इंटरनेशनल एक्शन काउंसिल' ने 15 मार्च को एकल पीठ द्वारा दिए गए फैसले को चुनौती दी है. एकल पीठ ने याचिका का निस्तारण करते हुए विदेश मंत्रालय से यमन की अदालत में सजा के खिलाफ अपील की संभावना का पता लगाने को कहा था.
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