राष्ट्रपति के दूसरे कार्यकाल के लिए तैयार थे अब्दुल कलाम, लेकिन इस वजह से हट गए थे पीछे...

पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम (APJ Abdul Kalam) 2012 में अपने दूसरे कार्यकाल के लिए तैयार थे, लेकिन कांग्रेस की तरफ से समर्थन नहीं मिलने के कारण वह पीछे हट गए.

राष्ट्रपति के दूसरे कार्यकाल के लिए तैयार थे अब्दुल कलाम, लेकिन इस वजह से हट गए थे पीछे...

2002 से 2007 तक देश के राष्ट्रपति रहे अब्दुल कलाम.

खास बातें

  • राजमोहन गांधी की नई किताब में किया गया दावा
  • कांग्रेस, उसकी सहयोगी पार्टियां नहीं कर रही थी समर्थन
  • कलाम 2002 से 2007 तक देश के राष्ट्रपति रहे
नई दिल्ली:

पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम (APJ Abdul Kalam) 2012 में अपने दूसरे कार्यकाल के लिए तैयार थे, लेकिन कांग्रेस की तरफ से समर्थन नहीं मिलने के कारण वह पीछे हट गए. एक नई किताब में दावा किया गया है कि पूर्व राष्ट्रपति कलाम 2012 में भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के समर्थन से राष्ट्रपति पद की रेस में दोबारा शामिल होना चाह रहे थे, लेकिन जब उन्होंने देखा कि कांग्रेस और उसकी सहयोगी पार्टियां उनका समर्थन नहीं कर रहीं तो उन्होंने इस रेस से खुद को अलग कर लिया. इसके बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रणब मुखर्जी को भारत का 13वां राष्ट्रपति चुना गया. प्रणब ने प्रतिभा पाटिल की जगह ली थी. प्रतिभा पाटिल 2007 से 2012 तक राष्ट्रपति पद पर रहीं. बता दें कि कलाम 2002 से 2007 तक देश के राष्ट्रपति रहे.

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इतिहासकार राजमोहन गांधी ने अपनी किताब 'मॉडर्न साउथ इंडिया: ए हिस्ट्री फ्रॉम दि सेवेन्टीन्थ सेंचुरी टु आवर टाइम्स' में लिखा है, '2007 में राष्ट्रपति के तौर पर कार्यकाल खत्म होने के बाद भारत की पुरातन संस्कृति के प्रति कलाम का उत्साह, कुछ हिंदू धार्मिक संगठनों के नेताओं की खुले दिल से की गई तारीफ और भारत के रक्षा क्षेत्र के लिए किए गए उनके पहले के काम ने उन्हें 'हिंदू भारत' का पसंदीदा मुस्लिम बना दिया.'

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राजमोहन ने लिखा है, 'भाजपा और तृणमूल कांग्रेस सहित कुछ राजनीतिक पार्टियों ने 2012 में कलाम के सामने राष्ट्रपति के तौर पर दूसरे कार्यकाल का प्रस्ताव रखा और वह तैयार भी थे, लेकिन कांग्रेस एवं उसकी सहयोगी पार्टियों को यह विचार पसंद नहीं आया. संख्याबल की कमी से वाकिफ कलाम चुनाव में खड़े नहीं हुए.' उन्होंने यह भी लिखा है कि समाजवादी पार्टी के तत्कालीन सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने 2002 में केआर नारायणन की जगह लेने के लिए कलाम के नाम का प्रस्ताव रखा था. पूर्व प्रधानमंत्रियों एचडी देवगौड़ा और इंद्रकुमार गुजराल की सरकारों में रक्षा मंत्री रह चुके मुलायम अपने मातहत डीआरडीओ के प्रमुख के तौर पर काम कर चुके कलाम से भलीभांति परिचित थे.

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(इनपुट: भाषा)