यह ख़बर 04 अप्रैल, 2012 को प्रकाशित हुई थी

सैनिक विद्रोह की आशंका बेबुनियाद : एंटनी

खास बातें

  • रक्षामंत्री एके एंटनी ने सशस्त्र बलों द्वारा विद्रोह की कोशिश की आशंका को ‘एकदम बेबुनियाद’ करार देते हुए विश्वास व्यक्त किया कि वह लोकतंत्र को कमजोर करने वाला कोई काम नहीं करेंगे।
विशाखापत्तनम:

रक्षामंत्री एके एंटनी ने सशस्त्र बलों द्वारा विद्रोह की कोशिश की आशंका को ‘एकदम बेबुनियाद’ करार देते हुए विश्वास व्यक्त किया कि वह लोकतंत्र को कमजोर करने वाला कोई काम नहीं करेंगे।

रक्षामंत्री ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ एकदम बेबुनियाद, सेना ने इस बारे में स्पष्टीकरण दे दिया है। यह सामान्य गतिविधियां हैं। असामान्य कुछ भी नहीं। हमें सशस्त्र सेनाओं की राष्ट्रभक्ति पर पूरा विश्वास है। उनकी देशभक्ति पर सवाल न उठाएं। वह भारतीय लोकतंत्र को कमजोर करने वाला कोई काम नहीं करेंगे।’’ वह आज ‘‘इंडियन एक्सप्रेस’’ अखबार में छपी एक खबर को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे। खबर में कहा गया था कि 16-17 जनवरी की दरम्यानी रात को सरकार को सूचित किए बिना सेना की दो इकाइयों में असामान्य हलचल हुई थी। इसी दिन सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह ने अपनी उम्र के मामले में उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।

सवाल करने वाले ने रक्षामंत्री से कहा कि इस खबर से लोग सैनिक विद्रोह की आशंका से घबरा गए हैं और उन्हें डर है कि सरकार को ऐसा होने का अंदेशा है या नहीं और अगर है तो सरकार ने इस संबंध में क्या किया है। क्या वह सैनिक विद्रोह की आशंका को खारिज करेगी।

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एंटनी ने कहा कि सशस्त्र सेना के कर्मी ‘सच्चे देशभक्त’ हैं और देश की सीमाओं पर जान देने वालों की देशभक्ति पर संदेह न करें। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे भारतीय सेना, नौसेना, वायुसेना और तटरक्षक बल पर गर्व है।’’ उन्होंने मीडिया से आग्रह किया कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों पर वह सशस्त्र बलों की गरिमा कम न करे।