पार्टी के भीतर मोदी विरोध के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘बीजेपी में ऐसे कई लोग हैं जो अभी भी प्रधानमंत्री बनने की ख्वाहिश रखते हैं। इन लोगों को अपनी इच्छाओं (प्रधानमंत्री बनने की) पर अब तक काबू पा लेना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं है।’
                                            
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                                                                                नई दिल्ली: 
                                        बीजेपी के निष्कासित सांसद राम जेठमलानी ने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी का शुक्रवार को समर्थन करते हुए कहा कि पार्टी में जो उनका विरोध कर रहे हैं वे ऐसे लोग हैं जो अभी भी प्रधानमंत्री बनने की इच्छा रखते हैं।
पार्टी के भीतर मोदी विरोध के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘बीजेपी में ऐसे कई लोग हैं जो अभी भी प्रधानमंत्री बनने की ख्वाहिश रखते हैं। इन लोगों को अपनी इच्छाओं (प्रधानमंत्री बनने की) पर अब तक काबू पा लेना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं है।’
तत्कालीन बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी को उनके पद से हटाने की मुहिम चलाने और बीजेपी नेतृत्व की आलोचना करने को लेकर इस विख्यात अधिवक्ता और राज्यसभा सदस्य को पार्टी ने मई में अपनी प्राथमिक सदस्यता से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है।
मोदी को अमेरिकी वीजा नहीं देने के संबंध में कुछ सांसदों द्वारा वहां के राष्ट्रपति बराक ओबामा को लिखे पत्र के संबंध में जेठमलानी ने कहा, ‘इससे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। वे जो चाहे करें, लेकिन वह (मोदी) अब लोगों दिलों में हैं।’
नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन की इस टिप्पणी कि वह नहीं चाहते कि मोदी प्रधानमंत्री बनें, जेठमलानी ने कहा, ‘यह लोकतंत्र है। अपनी बात रखना उनका अधिकार है। आपको किसी को पसंद करने या नापसंद करने की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है।’
                                                                        
                                    
                                पार्टी के भीतर मोदी विरोध के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘बीजेपी में ऐसे कई लोग हैं जो अभी भी प्रधानमंत्री बनने की ख्वाहिश रखते हैं। इन लोगों को अपनी इच्छाओं (प्रधानमंत्री बनने की) पर अब तक काबू पा लेना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं है।’
तत्कालीन बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी को उनके पद से हटाने की मुहिम चलाने और बीजेपी नेतृत्व की आलोचना करने को लेकर इस विख्यात अधिवक्ता और राज्यसभा सदस्य को पार्टी ने मई में अपनी प्राथमिक सदस्यता से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है।
मोदी को अमेरिकी वीजा नहीं देने के संबंध में कुछ सांसदों द्वारा वहां के राष्ट्रपति बराक ओबामा को लिखे पत्र के संबंध में जेठमलानी ने कहा, ‘इससे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। वे जो चाहे करें, लेकिन वह (मोदी) अब लोगों दिलों में हैं।’
नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन की इस टिप्पणी कि वह नहीं चाहते कि मोदी प्रधानमंत्री बनें, जेठमलानी ने कहा, ‘यह लोकतंत्र है। अपनी बात रखना उनका अधिकार है। आपको किसी को पसंद करने या नापसंद करने की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है।’
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