यह ख़बर 21 अप्रैल, 2011 को प्रकाशित हुई थी

सोनिया का जवाब पढ़कर खुशी हुई : अन्ना

खास बातें

  • हजारे ने कहा, पत्र पढ़कर खुशी हुई कि सोनिया ने उन लोगों का न तो समर्थन किया है और न ही करेंगी, जो लोग मुझ पर हमले कर रहे हैं।
New Delhi:

गांधीवादी सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के पत्र को लेकर खुशी जाहिर की है। सोनिया ने पत्र में उन्हें आश्वासन दिया है कि वह दुष्प्रचार की राजनीति का समर्थन नहीं करतीं और लोकपाल संस्थान के लिए उनकी गहरी प्रतिबद्धता है। हजारे ने कहा, सोनिया गांधी ने मुझे पत्र लिखा है। पत्र पढ़कर खुशी हुई कि उन्होंने उन लोगों का न तो समर्थन किया है और न ही करेंगी, जो लोग मुझ पर हमले कर रहे हैं। हजारे ने सोनिया से एक पत्र के माध्यम से उनके सहयोगियों के खिलाफ शिकायत की थी, जो लोकपाल विधेयक पर संयुक्त प्रारूप समिति की प्रक्रिया को बाधित करने की कोशिश कर रहे हैं। इस पर सोनिया ने हजारे को जवाब लिखा, जिसमें उन्होंने कहा कि उनका मानना है कि रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार से निपटना निहायत जरूरी है और उन्हें (हजारे को) सार्वजनिक जीवन में शुचिता के लिए लड़ाई में मेरी प्रतिबद्धता पर कोई संदेह नहीं होना चाहिए। कांग्रेस अध्यक्ष ने लिखा है कि लोकपाल विधेयक राष्ट्रीय सलाहकार परिषद के एजेंडा का अहम हिस्सा है और परिषद की 28 अप्रैल को होने जा रही बैठक में इस पर विचार एवं स्वीकृति के लिए व्यापक सिद्धांत तैयार करने की खातिर एक कार्यकारी समूह बनाया जा रहा है। सोनिया ने हजारे को लिखे पत्र में कहा है, जहां तक मीडिया में आ रहे बयानों का सवाल है तो, मैं आपको आश्वासन देती हूं कि मैं न तो दुष्प्रचार की राजनीति का समर्थन करती हूं और न ही उसे बढ़ावा देती हूं। हजारे ने सोमवार को सोनिया को भेजे गए अपने पत्र में कहा था कि लोकपाल विधेयक की संयुक्त प्रारूप समिति में शामिल समाज के सदस्यों के खिलाफ दुष्प्रचार अभियान चलाया जा रहा है। हजारे ने सोनिया से उनके सहयोगियों को विधेयक का प्रारूप तैयार करने की प्रक्रिया को बाधित करने के प्रयास न करने की सलाह देने के लिए कहा था।


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