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This Article is From Apr 07, 2011

सोनिया या मनमोहन करें बात : अन्ना

आमरण अनशन पर बैठे अन्ना हजारे जन लोकपाल बिल की मांग से पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। अब इसका असर नजर आने लगा है और सरकार दबाव में है।
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New Delhi: भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कानून की मांग को लेकर आमरण अनशन पर बैठे सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे, जन लोकपाल बिल की अपनी मांग से पीछे हटने को बिलकुल तैयार नहीं है। अब इसका असर भी नजर आ रहा है। केंद्र सरकार दबाव में आती दिख रही है। इसी के चलते बुधवार को लोकपाल बिल पर बनाए गए मंत्री समूह यानी जीओएम से कृषिमंत्री शरद पवार ने खुद को अलग कर लिया। अन्ना ने पवार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए कहा था कि जो मंत्री खुद भ्रष्ट हैं, वे भ्रष्टाचार रोकने के खिलाफ कानून कैसे बना सकते हैं। इसी के बाद पवार ने खुद को जीओएम से अलग कर लिया, लेकिन अन्ना पवार के जीओएम से हटने भर से संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने जन लोकपाल बिल की पुरजोर मांग करते हुए कहा कि एक पवार जाएगा, तो दूसरा आ जाएगा। अन्ना ने यह भी कहा कि वह भी चाहते हैं कि सरकार के साथ बातचीत हो, लेकिन इसमें प्रधानमंत्री और सोनिया गांधी भी शामिल हों। भ्रष्टाचार के खिलाफ इस लड़ाई को सिर्फ सड़कों पर ही समर्थन नहीं मिल रहा है, बल्कि बड़ी संख्या में लोग इस मुहिम से ऑनलाइन भी जुड़ रहे हैं। फेसबुक और टि्वटर जैसी सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर लोग खुलकर अपनी राय रख रहे हैं। इनमें हर क्षेत्र के लोग शामिल हैं, जिनकी संख्या दिन−ब−दिन बढ़ती जा रही है।

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