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This Article is From Jul 09, 2011

लाठी ही नहीं, गोली भी खाने को तैयार हूं: हजारे

Mumbai: समाज के लोगों की निंदा किए जाने पर सरकार की जमकर खिंचाई करते हुए गांधीवादी अन्ना हजारे ने 16 अगस्त के अपने प्रस्तावित आंदोलन पर इसे कुचले जाने की धमकियों के बावजूद आगे बढ़ने का संकल्प लिया और कहा कि वह लाठी ही नहीं, बल्कि गोलियों का सामना करने को भी तैयार हैं। यह उल्लेख करते हुए कि सूचना का अधिकार जैसा कानून समाज के दबाव की वजह से ही लागू हुआ, हजारे ने कहा कि यदि यह (लोकपाल को लेकर सरकार पर दबाव) ब्लैकमेल करने के समान है, तो मैं अपनी समूची जिंदगी ब्लैकमेलिंग का सहारा लेने को तैयार हूं। लोकपाल विधयेक के मुद्दे पर समाज के कार्यकर्ताओं की भूमिका की दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल द्वारा की गई आलोचनाओं को खारिज करते हुए उन्होंने केंद्र की कांग्रेस नीत सरकार को याद दिलाया कि यह दिवंगत राजीव गांधी थे, जिन्होंने देश की पंचायती राज व्यवस्था के संबंध में 73वें और 74वें संविधान संशोधन के लिए समाज के लोगों की राय मांगी थी। दक्षिणी मुंबई में इंडिया अगेंस्ट करप्शन के कार्यालय का उद्घाटन करने के बाद हजारे ने संवाददाताओं को बताया कि राजीव गांधी ने यह कहकर देशभर के पांच लाख ग्राम प्रमुखों को पत्र लिखे थे कि उनकी सरकार पंचायती राज के संबंध में संवैधानिक संशोधन लाना चाहती है। उन्होंने ऐतिहासिक कानून के लिए समाज के लोगों के विचार मांगे थे।

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