यह ख़बर 18 जून, 2012 को प्रकाशित हुई थी

टीम अन्ना के आरोपों में दिखता है जिम्मेदारी का अभाव : प्रणब

खास बातें

  • टीम अन्ना पर पलटवार करते हुए वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने अपने खिलाफ लगाए गए उनके भ्रष्टाचार के आरोपों को ‘अनुचित’ और ‘स्वार्थी’ कहकर खारिज कर दिया और कहा कि यह उन लोगों में जिम्मेदारी का अभाव दिखाता है जो नैतिक व्यवहार में उच्च मानकों का प्रतिनिधित्व कर
नई दिल्ली:

टीम अन्ना पर पलटवार करते हुए वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने अपने खिलाफ लगाए गए उनके भ्रष्टाचार के आरोपों को ‘अनुचित’ और ‘स्वार्थी’ कहकर खारिज कर दिया और कहा कि यह उन लोगों में जिम्मेदारी का अभाव दिखाता है जो नैतिक व्यवहार में उच्च मानकों के प्रतिनिधित्व करने का दावा करते हैं।

टीम अन्ना ने मुखर्जी के खिलाफ जांच की मांग की थी। मुखर्जी ने कहा कि उनके खिलाफ गलत आरोप निहित स्वार्थ और दुर्भावना के चलते लगाए जा रहे हैं और उनमें तथ्यों को छिपाया गया है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने हजारे और उनके सहयोगियों को याद दिलाया कि उन्होंने इस प्रकार के आरोपों को लगाकर उस नैतिकता को ताक पर रख दिया जिसका वह दावा करते हैं।

मुखर्जी द्वारा हजारे, अरविन्द केजरीवाल, शांति भूषण, प्रशांत भूषण, किरण बेदी और मनीष सिसौदिया को संबोधित पत्र में कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि नैतिक व्यवहार के उच्च मानकों का प्रतिनिधित्व का दावा करने वाले इंडिया एगेन्स्ट करप्शन ने अपने नैतिक आधार को त्याग दिया है।

वित्त मंत्री ने टीम अन्ना द्वारा प्रधानमंत्री को लिखे गए पत्र के जवाब में यह बात कही। इस पत्र में टीम अन्ना ने अपने आरोप दोहराए हैं।

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मुखर्जी ने कहा कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप गलत, अनुचित, खुद से मांग करने वाले, प्रेरित, दुर्भावनापूर्ण और निहित स्वार्थ से लगाए गए तथा उनमें किसी प्रकार की जिम्मेदारी का अभाव है।