
एनडीए सरकार के संशोधित जमीन अधिग्रहण विधेयक के खिलाफ अभियान चला रहे सामाजिक कार्यकर्ता अण्णा हजारे ने इस प्रस्तावित कानून के विवादास्पद प्रावधानों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से खुली बहस करने को कहा।
जब हजारे का ध्यान केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के इस बयान की ओर आकृष्ट कराया गया कि वह इस विधेयक का विरोध करने वालों के साथ इस प्रस्तावित कानून पर बहस के लिए तैयार हैं, तो उन्होंने कहा, गडकरी की तैयारी कमजोर है। हम इस मुद्दे पर कैमरा के सामने प्रधानमंत्री के साथ खुली और व्यापक बहस के लिए तैयार हैं।
उन्होंने महाराष्ट्र के अहमदनगर में अपने गांव रालेगण सिद्धि में संवाददाताओं से कहा, लोगों को यह बहस देखने दिया जाए और वे तथ्य खुद ही देखें। गडकरी ने कहा था कि सरकार इस विधेयक के सभी पहलुओं पर बहस के लिए तैयार है।
इस विधेयक को राज्यसभा से मंजूरी मिलना बाकी है। उन्होंने सभी बड़े दलों के नेताओं और हजारे को किसी भी मंच पर बहस के लिए आने का न्योता दिया था। कांग्रेस की अगुवाई में एकजुट विपक्ष राज्यसभा में इस विधयेक के रास्ते में रोड़े अटकाए हुए है। विपक्ष ने पिछले सप्ताह राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को एक ज्ञापन सौंपकर जमीन विधेयक को किसान विरोधी बताया था।
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