यह ख़बर 06 दिसंबर, 2012 को प्रकाशित हुई थी

केजरीवाल सत्ता का लोभी, उसकी पार्टी को वोट नहीं दूंगा : अन्ना हजारे

खास बातें

  • भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन में दरार पड़ने के लिए अरविंद केजरीवाल की सत्ता की ललक को जिम्मेदार ठहराते हुए सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने कहा कि वह आम आदमी पार्टी (आप) को वोट नहीं देंगे।
नई दिल्ली:

भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन में दरार पड़ने के लिए अरविंद केजरीवाल की सत्ता की ललक को जिम्मेदार ठहराते हुए सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने कहा कि वह आम आदमी पार्टी (आप) को वोट नहीं देंगे।

हजारे ने आरोप लगाया कि यह पार्टी अन्य की तरह ‘सत्ता के जरिये धन’ और ‘धन के जरिये सत्ता’ के रास्ते पर जा रही है।

यह पूछे जाने पर कि क्या उनके पूर्व साथी केजरीवाल सत्ता के ‘लालची’ हैं, हजारे ने कहा कि यह सही है।

उन्होंने एक समाचार चैनल की ओर से आयोजित दो-दिवसीय कार्यक्रम ‘एजेंडा’ के एक सत्र में कहा, मैंने सोचा था कि मैं आम आदमी पार्टी के लिए मतदान करूंगा लेकिन अब मेरे लिए ऐसा करना मुश्किल है, क्योंकि यह देखा जा रहा है कि यह सत्ता के जरिये धन और धन के जरिये सत्ता के रास्ते में बढ़ रही है। मैं कहीं भी उसके आसपास नहीं हूं। वह इस सवाल पर प्रतिक्रिया दे रहे थे कि क्या वह केजरीवाल द्वारा हजारे से अलग होने के बाद बनाई पार्टी ‘आप’ को वोट देंगे।

हजारे ने इससे पहले कहा कि जो भी पार्टी ईमानदार प्रत्याशियों को खड़ा करेगी, वह उसे समर्थन देंगे और अगर केजरीवाल केन्द्रीय मंत्री कपिल सिब्बल के खिलाफ चुनाव लड़ते हैं तो वह उनके लिए चुनाव प्रचार करेंगे।

यह पूछे जाने पर कि क्या केजरीवाल सत्ता के लालची हो गए हैं और क्या इसी कारण आंदोलन में दरार आई, हजारे ने कहा, यह सही है। पहले मैं सोचा करता था कि अरविंद निस्वार्थ सेवा में है, लेकिन मुझे समझ नहीं आता कि राजनीति में प्रवेश करने का विचार उसके दिमाग में कैसे आया। वह एक सवाल पर इस बात पर सहमत हुए कि केजरीवाल की राजनीतिक महत्वाकांक्षा के कारण ही दरार आई।

हजारे ने कहा, व्यवस्था परिवर्तन के लिए स्वतंत्रता के बाद पहली बार आंदोलन चल रहा था। जनता बाहर आ रही थी। मुझे लगा कि अच्छा आंदोलन चल रहा है। ऐसी भावना थी कि इसका कुछ नतीजा आएगा। लेकिन उसी समय मुझे नहीं पता कि उसके दिमाग में यह विचार कैसे आया। उन्होंने कहा कि व्यवस्था परिवर्तन की लड़ाई में एकता की जरूरत है और केजरीवाल, स्वामी रामदेव और अन्य सहित सभी भ्रष्टाचार के खिलाफ हैं।

उन्होंने कहा, यह क्रांति अभी पूरी नहीं हुई है। हमें एक साथ खड़ा होना होगा। हम सभी, रामदेव, अरविंद, सभी को मिलकर लड़ाई लड़नी चाहिए। नरेंद्र मोदी पर हजारे ने कहा कि गुजरात में काफी भ्रष्टाचार है और मुख्यमंत्री के तौर पर वह अपने राज्य में लोकायुक्त विधेयक नहीं लेकर आए हैं।

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उन्होंने कहा, वह विधेयक क्यों नहीं ला रहे हैं? हर कोई सत्ता का उपयोग करके धन बना रहा है।