भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम छेड़ने वाले अण्णा हजारे ने बुधवार को विवादित भूमि अधिग्रहण विधेयक के खिलाफ इस महीने के आखिर में शुरू हो रही अपनी ‘पदयात्रा’ के कार्यक्रम में तब्दीली की घोषणा की।
हजारे ने कहा कि किसानों के प्रतिनिधियों से मिलने के बाद उन्होंने पदयात्रा स्थगित कर दी। किसानों ने उन्हें बताया था कि पदयात्रा उनकी खेती के काम के समय ही हो रही है।
रालेगण सिद्धि से उनके सहायक दत्ता अवरी ने बताया, ‘अण्णा ने बताया कि किसानों और किसान संगठनों से कई प्रतिनिधियों ने उनसे कहा कि खेतों में काम के दौरान ही पदयात्रा हो रही है, इसके अलावा उन्होंने अप्रैल के महीने में तपती गर्मी का भी हवाला दिया। इसे स्थगित करने के अन्य कारणों में हालिया बेमौसम बारिश और ओला-वृष्टि भी शामिल हैं।’
अवरी ने कहा, ‘पदयात्रा एक या डेढ़ महीने बाद आयोजित होगी। नई तिथि की घोषणा बाद में होगी।’ इससे पहले हजारे ने इसी महीने घोषणा की थी कि भूमि विधेयक के खिलाफ वह 25 मार्च को सेवाग्राम गांव से ‘पद-यात्रा’ शुरू करेंगे जो वर्धा में सेवाग्राम के गांधी आश्रम से शुरू होकर नई दिल्ली में रामलीला मैदान में खत्म होने वाली थी।
उन्होंने बताया कि हजारे ने बुधवार को रालेगण सिद्धि में स्वयंसेवकों के साथ बैठक को संबोधित करने के दौरान राष्ट्र निर्माण में युवाओं को आगे आने को कहा और यह भी कहा कि भारत जिन समस्याओं को झेल रहा है उसे राजनीति और राजनैतिक दल हल नहीं कर सकते, लेकिन युवा ऐसा कर सकते हैं।
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