नई दिल्ली:
अपने करीबी सहयोगियों की अपील को नजरंदाज करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने अपनी टीम के तीन सदस्यों के साथ अनिश्चितकालीन अनशन शुरू किया। इससे पहले अन्ना ने लोकपाल विधेयक पर उनकी मांग मानने के लिए चार दिन का अल्टीमेटम दिया था लेकिन सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आने के बाद उन्होंने यह कदम उठाया।
अन्ना ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा, ‘मेरे सहयोगियों ने स्वास्थ्य कारणों से मुझे अनशन पर नहीं बैठने की सलाह दी थी। लेकिन जब 400 से अधिक लोग अनशन पर बैठे हों, तब मैं इन्हें नजरंदाज नहीं कर सकता और खुद को अनशन से दूर नहीं रख सकता।’
अन्ना ने कहा कि आंदोलन में भटकाव नहीं आया है बल्कि सरकार अपनी दिशा भटक गई है। रविवार को अन्ना के अनशन पर बैठने के साथ ही जंतर-मंतर पर समर्थकों की भीड़ उमड़ पड़ी और उसकी संख्या 10,000 के पार जा पहुंची।
दिनभर भीड़ का जत्थों में आना जारी रहा और समर्थकों ने तिरंगा झंडा लेकर ‘भारत माता की जया’, ‘वंदे मातरम’ के जमकर नारे लगाए।
अनशन पर पिछले पांच दिनों से बैठे केजरीवाल ने युवाओं से अगले हफ्ते देश के लिए कक्षाएं छोड़ सड़क पर उतरने की अपील की जबकि उनके साथी कुमार विश्वास ने नारा दिया, ‘अगला हफ्ता देश के नाम।’
अरविंद केजरीवाल ने कहा, ‘हम कॉलेज के युवाओं का आह्वान करते हैं कि वे अपनी कक्षाओं से एक सप्ताह की छुट्टी लेकर देश के लिए सड़कों पर उतरें।’
टीम अन्ना ने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मंच साझा करने वाले योगगुरू बाबा रामदेव से भी किनारा किया।
टीम अन्ना के सदस्य और मंच की कार्रवाई संभाल रहे संजय सिंह ने कहा, ‘यह रामदेव का विवेक है कि वह किसके साथ मंच साझा करते हैं लेकिन हमारा मोदी के साथ कोई लेना-देना नहीं है जिसे अन्ना हजारे ने भी कई दफे साफ किया है। मोदी ‘मानवता के हत्यारे’ हैं । उन्होंने लोकायुक्त कानून भी पारित नहीं किया।’
अनशन पर बैठते हुए अन्ना ने कहा, ‘मैं अनशन पर बैठ रहा हूं और यह मान रहा हूं कि मुझे इसके लिए आपकी अनुमति है।’ उन्होंने कहा, ‘जब तक हमें जन लोकपाल नहीं मिल जाता तब तक देशवासी मुझे मरने नहीं देंगे।’
74 वर्षीय सामाजिक कार्यकर्ता ने सरकार से शनिवार तक लोकपाल विधेयक पर उनकी मांग मानने अन्यथा उसके बाद अनशन पर बैठने की बात कही थी।
टीम अन्ना के करीबी सहयोगी अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को सार्वजनिक तौर पर स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए अन्ना हजारे से अनशन पर नहीं बैठने का आग्रह किया था।
अन्ना ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा, ‘मेरे सहयोगियों ने स्वास्थ्य कारणों से मुझे अनशन पर नहीं बैठने की सलाह दी थी। लेकिन जब 400 से अधिक लोग अनशन पर बैठे हों, तब मैं इन्हें नजरंदाज नहीं कर सकता और खुद को अनशन से दूर नहीं रख सकता।’
अन्ना ने कहा कि आंदोलन में भटकाव नहीं आया है बल्कि सरकार अपनी दिशा भटक गई है। रविवार को अन्ना के अनशन पर बैठने के साथ ही जंतर-मंतर पर समर्थकों की भीड़ उमड़ पड़ी और उसकी संख्या 10,000 के पार जा पहुंची।
दिनभर भीड़ का जत्थों में आना जारी रहा और समर्थकों ने तिरंगा झंडा लेकर ‘भारत माता की जया’, ‘वंदे मातरम’ के जमकर नारे लगाए।
अनशन पर पिछले पांच दिनों से बैठे केजरीवाल ने युवाओं से अगले हफ्ते देश के लिए कक्षाएं छोड़ सड़क पर उतरने की अपील की जबकि उनके साथी कुमार विश्वास ने नारा दिया, ‘अगला हफ्ता देश के नाम।’
अरविंद केजरीवाल ने कहा, ‘हम कॉलेज के युवाओं का आह्वान करते हैं कि वे अपनी कक्षाओं से एक सप्ताह की छुट्टी लेकर देश के लिए सड़कों पर उतरें।’
टीम अन्ना ने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मंच साझा करने वाले योगगुरू बाबा रामदेव से भी किनारा किया।
टीम अन्ना के सदस्य और मंच की कार्रवाई संभाल रहे संजय सिंह ने कहा, ‘यह रामदेव का विवेक है कि वह किसके साथ मंच साझा करते हैं लेकिन हमारा मोदी के साथ कोई लेना-देना नहीं है जिसे अन्ना हजारे ने भी कई दफे साफ किया है। मोदी ‘मानवता के हत्यारे’ हैं । उन्होंने लोकायुक्त कानून भी पारित नहीं किया।’
अनशन पर बैठते हुए अन्ना ने कहा, ‘मैं अनशन पर बैठ रहा हूं और यह मान रहा हूं कि मुझे इसके लिए आपकी अनुमति है।’ उन्होंने कहा, ‘जब तक हमें जन लोकपाल नहीं मिल जाता तब तक देशवासी मुझे मरने नहीं देंगे।’
74 वर्षीय सामाजिक कार्यकर्ता ने सरकार से शनिवार तक लोकपाल विधेयक पर उनकी मांग मानने अन्यथा उसके बाद अनशन पर बैठने की बात कही थी।
टीम अन्ना के करीबी सहयोगी अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को सार्वजनिक तौर पर स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए अन्ना हजारे से अनशन पर नहीं बैठने का आग्रह किया था।
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