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This Article is From Dec 06, 2016

61 राज्यसभा सदस्यों ने हाई कोर्ट के एक जज के खिलाफ महाभियोग की मांग की

61 राज्यसभा सदस्यों ने हाई कोर्ट के एक जज के खिलाफ महाभियोग की मांग की
नई दिल्‍ली: राज्यसभा के 61 सदस्यों ने एक दलित न्यायिक अधिकारी पर अत्याचार का आरोप लगाते हुए आंध्र प्रदेश - तेलंगाना हाई कोर्ट के एक न्यायधीश के खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही चलाने की मांग की.

राज्यसभा सचिवालय ने 61 सांसदों की ओर से इस तरह की याचिका प्राप्त करने की पुष्टि की है और कहा कि मामले की जांच करने के बाद अगले दो दिनों में इसकी वैद्यता पर कोई फैसला किया जायेगा. विशेषज्ञों का कहना है कि न्यायिक जांच कानून, 1968 के तहत याचिका को स्वीकार अनिवार्यत: करना होगा.

याचिका पर मुख्यत: तेदेपा और वामपंथी सांसदों के हस्ताक्षर हैं जिनका आरोप है कि न्यायमूर्ति सी वी नागार्जुन रेड्डी ने कडप्पा जिले में एक दलित मुख्य कनिष्ठ दिवानी जज पर कथित तौर पर एक आपराधिक मामले में दवाब डालने के लिए उनके खिलाफ अत्याचार किये.

न्यायाधीश जांच कानून 1968 के प्रावधानों के तहत अगर याचिका को स्वीकार किया जाता है तो लोकसभा स्पीकर अथवा चेयरमैन को तीन सदस्यों वाली जांच समिति गठित करनी होगी जिसमें दो न्यायधीश हों. महाभियोग के लिए लोकसभा के 100 सदस्यों अथवा राज्यसभा के 50 सदस्यों को याचिका पर हस्ताक्षर करना होता है.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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