यह ख़बर 01 फ़रवरी, 2013 को प्रकाशित हुई थी

आंध्र : कांग्रेस नेता की गिरफ्तारी कैसे हुई, होगी जांच

खास बातें

  • आंध्र प्रदेश के पूर्व मंत्री और सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी के विधायक, शंकर राव को भूमि हड़पने के एक मामले में पुलिस ने जिस तरीके से हिरासत में लिया, उसकी व्यापक तौर पर आलोचना हुई है। इस आलोचना के बाद मुख्यमंत्री एन किरण कुमार रेड्डी ने शुक्रवार को मामले की
हैदराबाद:

आंध्र प्रदेश के पूर्व मंत्री और सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी के विधायक, शंकर राव को भूमि हड़पने के एक मामले में पुलिस ने जिस तरीके से हिरासत में लिया, उसकी व्यापक तौर पर आलोचना हुई है। इस आलोचना के बाद मुख्यमंत्री एन किरण कुमार रेड्डी ने शुक्रवार को मामले की एक उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए।

मुख्यमंत्री ने पुलिस महानिदेशक वी दिनेश रेड्डी को निर्देश दिया कि अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक कृष्ण प्रसाद द्वारा मामले की जांच कराई जाए।

मुख्यमंत्री ने यह आदेश तब जारी किया, जब उपमुख्यमंत्री दामोदर राजानरसिम्हा और अन्य मंत्रियों ने उनसे मुलाकात की और दलित नेता के साथ पुलिस द्वारा किए गए व्यवहार पर नाराजगी जाहिर की।

पुलिस के व्यवहार की न केवल मंत्रियों ने निंदा की, बल्कि कई दलित संगठनों ने भी निंदा की। इनमें से कुछ ने राज्य मानवाधिकार आयोग से सम्पर्क कर मामले की जांच कराने की मांग की।

दलित संगठन, माला महानाडु के कार्यकर्ताओं ने राव की गिरफ्तारी के विरोध में राज्य सचिवालय का घेराव करने की कोशिश की। पुलिस ने उन सभी को गिरफ्तार कर लिया।

राव के साले और कांग्रेस सांसद जी विवेक ने केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे से नई दिल्ली में मुलाकात की और राज्य सरकार के  रवैये की शिकायत की।

विवेक ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री एन किरण कुमार रेड्डी उन्हें इसलिए निशाना बना रहे हैं, क्योंकि राव ने मुख्यमंत्री के खिलाफ लाल चंदन लकड़ी से सम्बंधित घोटाले में जांच के लिए न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।

इस बीच एक पुलिस अधिकारी ने हैदराबाद में स्पष्ट किया कि शंकर राव कपड़े नहीं बदलना चाहते थे और वह पुलिस के साथ लुंगी में ही चल दिए। राव को पुलिस ने उनके आवास से गुरुवार शाम भारी ड्रामे के बीच हिरासत में लिया था।

सिकंदराबाद के नरेदमेट पुलिस थाने में सीने में दर्द की शिकायत के बाद उन्हें सरकारी गांधी अस्पताल ले जाया गया।

मंत्रियों व दलित संगठनों द्वारा राव को हिरासत में लिए जाने के तौर-तरीके की निंदा किए जाने के बाद पुलिस अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि राव को गिरफ्तार नहीं किया गया है, वह अस्पताल से कहीं भी जाने के लिए स्वतंत्र हैं।

राव के पारिवारिक सदस्य गुरुवार रात उन्हें एक निजी अस्पताल ले गए। चिकित्सकों ने शुक्रवार सुबह कहा कि राव (65) की सेहत स्थिर है, लेकिन 24 घंटे तक उन्हें निगरानी में रखा जाएगा। चिकित्सकों के अनुसार, हो सकता है कि उच्च रक्तचाप के कारण राव के मस्तिष्क को नुकसान पहुंचा हो।

राव के स्वसुर और पूर्व केंद्रीय मंत्री जी वेंकटस्वामी, क्रांतीकारी बालादीर गदर और कई अन्य लोग अस्पताल पहुंचे। सभी ने पुलिस कार्रवाई की निंदा की। वेंकटस्वामी ने कहा कि पुलिस ने राव के साथ दुर्व्यवहार किया और उन्हें वाहन में जबरन खींच लिया, उन्हें कपड़े तक नहीं बदलने दिया।

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राज्य विधानसभा में सिकंदराबाद कैंटोमेंट क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले राव मुख्यमंत्री के एक कट्टर आलोचक हैं। राव को पिछले वर्ष जनवरी में उस समय मंत्रिमंडल से हटा दिया गया था, जब उन्होंने राज्य की गृहमंत्री सबिता इंद्रा रेड्डी के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के लिए न्यायालय में याचिका दायर कर दी थी, जिससे सरकार की काफी किरकिरी हुई थी।