16000 फीट पर बनी हवाईपट्टी पर मिले भारत और चीन के सैन्य अधिकारी

16000 फीट पर बनी हवाईपट्टी पर मिले भारत और चीन के सैन्य अधिकारी

सीमा पर मुलाकात करते भारत और चीन के अधिकारी

नई दिल्ली:

भारत और चीन के सैन्य अधिकारियों ने शनिवार को समुद्र तल से 16000 फीट की ऊंचाई पर बनी दौलत बेग ओल्डी (डीबीओ) हवाईपट्टी पर मुलाकात की और इसी के साथ यह भारत और चीन के बीच मुलाकात का पांचवां बिंदु बन गया।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने एनडीटीवी के बताया कि सीमा पर मुलाकात दोनों देश के सेनाओं के लिए अहम होती है ताकि स्थानीय मुद्दों को निपटाया जा सके। इनमें भूल चूक से एक-दूसरे की सीमा में पैट्रोलिंग की दौरान चले जाना और ऐसे में मुद्दे को बेवजह तूल न दिए जाने की बातें शामिल होती हैं।

उल्लेखनीय है कि 2013 में दोनों देश की सेनाओं के बीच मामूली मनमुटाव इसी डीबीओ पर ही हुआ था जो करीब तीन हफ्तों तक चला था। चीन ने भारतीय सीमा में चुमुर में बनाए जा रहे कुछ निर्माण पर आपत्ति जताई थी। उत्तरी लद्दाख में स्थित डीबीओ से कारकोरम की पहाड़ियों के बीच का वो रास्ता गुजरता है जो कभी चीन और भारत के बीच व्यापार के लिए प्रयोग में लाया जाता था।

इसी साल मई में अनजा जिले में किबिथू पर भी मुलाकात का एक बिंदु तैयार किया गया था। यह बिंदु अरुणाचल प्रदेश के पूर्वी भाग में स्थित है। भारतीय और चीनी अधिकारियों ने हॉटलाइन पर ठीक उसी समय बात की थी जब भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 14-16 मई को चीन के दौरे पर थे।

इससे पहले भारत और चीन के बीत तीन चिह्नित बिंदुओं पर ही सीमा मुद्दों पर मुलाकात होती थी। ये बिंदु लद्दाख के चुसुल के स्पनगुप गैप, अरुणाचल प्रदेश के तवांग में बम-ला और सिक्किम के नाथुला दर्रा थे।

बताया जा रहा है कि दोनों देशों के बीच सीमा विवाद के मुद्दों को सुलझाने के प्रयास के तहत इस प्रकार नए बिंदुओं को बनाया जा रहा है। इसके जरिये सेना से सेना की मुलाकात और सहज हो सकेगी। इन सबके पीछे पीएम नरेंद्र मोदी की दोनों देशों के संबंधों को बेहतर करने की रणनीति को को देखा जा रहा है।

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डीबीओ पर हुई मुलाकात में भारतीय दल का नेतृत्व कर्नल बीएस उप्पल ने किया वहीं चीन की ओर से कर्नल सोंग जोअंली थे। यह मीटिंग पीएलए (पीपल्स लीबरेशन आर्मी) डे के उपलक्ष्य में आयोजित की गई थी।